बिना मान्यता खुलवा दिए 3260 स्कूल, बीच सत्र में बच्चों का भविष्य खतरे में
सरकार की ओर से प्रदेश के निजी स्कूलों की मान्यता को लेकर हुई लेटलतीफी ने हजारों बच्चों का भविष्य खतरे में डाल दिया है। आधा सत्र गुजरने के बावजूद इस बार नए स्कूलों को मान्यता नहीं मिल सकी है। फिलहाल राज्य में बिना मान्यता के 3260 स्कूल चल रहे हैं, जिन्हें सत्र की शुरूआत में प्रवेश की अनुमति जारी की जा चुकी है।
अधरझूल में वे बच्चे और अभिभावक आने वाले हैं जिनकी स्कूलों को मापदंडों पर खरा नहीं उतरने के चलते मान्यता नहीं मिल पाएगी। ऐसे बच्चों को बीच सत्र में सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करवाया जाएगा।
सरकार की सबसे बड़ी खामी यह रही कि बिना मान्यता के ही नए सत्र के लिए स्कूलों में प्रवेश करवा दिए। शिक्षा विभाग ने पहली बार मान्यता प्रणाली को ऑनलाइन करते हुए नए निजी स्कूलों के लिए अप्रैल-मई में आवेदन मांगे। छह माह गुजरने के बावजूद अब तक स्कूलों को मान्यता जारी नहीं हो सकी है।
प्रारंभिक शिक्षा में प्रदेशभर से तीन हजार से ज्यादा नई स्कूलों के आवेदन आए हैं, लेकिन लेटलतीफी का आलम यह है कि आठवीं और पांचवीं बोर्ड परीक्षा आवेदन की तिथि 30 नवंबर नजदीक होने के बावजूद अब तक मान्यता जारी नहीं हो सकी हैं। माध्यमिक शिक्षा में तो क्रमोन्नित के करीब पांच सौ आवेदन निरस्त भी हो चुके हैं।
सरकार के स्तर यह है बडी खामी
नए आवेदन करने वाले स्कूलों को तब तक प्रवेश की छूट नहीं दी जानी चाहिए जब तक कि उसे मान्यता नहीं मिल जाती। सरकार की बड़ी खामी यह है कि पहले प्रवेश की छूट दे दी और अब तक मान्यता प्रक्रिया ही पूरी नहीं की।
ऐसे मंडरा रहा है भविष्य पर खतरा
प्रदेशभर में जिन अभिभावकों ने अपने बच्चों को मौजूदा सत्र में शुरु हुई स्कूलों में प्रवेश दिलाए हैं,उन्हें अब तक अधिकृत मान्यता नहीं है। मापदंडों पर खरा नहीं उतरने वाले स्कूल अमान्य होंगे और ऐसे में बीच शिक्षा सत्र में इन बच्चों और अभिभावकों पर बड़ी आफत आना तय है। अब तक के सत्यापन और जांच के बाद करीब एक चौथाई इस दायरे में आना तय बताया जा रहा है। स्थिति यह है कि बिना मान्यता के ही बड़ी संख्या में स्कूलों ने नवोदय स्कूलों के फॉर्म भी भरवा लिए हैं।
प्राइवेट संस्थाओं के प्रति सरकार का रवैया नकारात्मक और दमनकारी है। कई संस्थान दम तोड़ रहे हैं। एनओसी को समय पर जारी नहीं करना उनके साथ खिलवाड़ है।
– सत्यव्रत सामवेदी, अध्यक्ष, स्वयंसेवी शिक्षण संस्था संघ, राजस्थान
राज्य से 3260 स्कूलों के आवेदन
- अजमेर-173
- अलवर-192
- बांसवाड़ा-129
- बारां-26
- बाड़मेर-95
- भरतपुर-86
- भीलवाड़ा-166
- बीकानेर-199
- बूंदी-44
- चित्तौडगढ-116
- चुरु-77
- दौसा-89
- धौलपुर-54
- डूंगरपुर-58
- गंगानगर-48
- हनुमानगढ़-40
- जैसलमेर-46
- जालौर-60
- झालावाड़-26
- झूंझुनू-88
- जोधपुर-211
- करौली-84
- कोटा-75
- नागौर-170
- पाली-102
- प्रतापगढ़-25
- राजसमंद-54
- सवाईमाधोपुर-65
- सीकर-93
- सिरोही-29
- टोंक-49
- उदयपुर-93