बी.एड. एवं डी.एल.एड. इंटर्नशिप अब केवल राजकीय विद्यालयों में

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बी.एड. एवं डी.एल.एड. इंटर्नशिप अब केवल राजकीय विद्यालयों में रिक्त पडे़ पदों पर

शिक्षण व्यवस्था हो सकेगी सुचारू

जयपुर : राज्य में बी.एड. एवं डी.एल.एड. पाठ्यक्रम में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों का इंटर्नशिप कार्यक्रम अब केवल राजकीय विद्यालयों मे ही होगा। इसके तहत प्रदेश के एक लाख से अधिक बी.एड. करने वाले एवं 17 हजार के करीब डी.एल.एड. अभ्यर्थियों का लाभ राजकीय विद्यालयों में शिक्षण के तहत हो सकेगा।

शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने बताया कि इससे प्रदेश के विद्यालयों में रिक्त पडे़ शैक्षिक पदाें पर शिक्षण व्यवस्था को भी सुचारू किया जा सकेगा। उन्होने बताया कि शिक्षक-शिक्षा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों के लिये दो वर्ष के पाठ्यक्रम के दौरान 20 सप्ताह विद्यालयों में प्रशिक्षुता के लिये निर्धारित है। इसके अन्र्तगत 4 सप्ताह प्रथम वर्ष एवं 16 सप्ताह द्वितीय वर्ष विद्यालयों मे प्रशिक्षुता के लिये निर्धारित हैं। राजकीय विद्यालयों में इंटर्नशिप कार्यक्रम की अनिवार्यता से प्रदेश मे बडे़ स्तर पर रिक्त पदों के कारण बाधित शिक्षण व्यवस्था प्रभावी रूप मे सुनिश्चित हो सकेगी।

देवनानी ने बताया कि राजकीय विद्यालयों में इंटर्नशिप कार्यक्रम होने का बड़ा लाभ यह भी होगा कि बीएड एवं डी.एल.एड. करने के दौरान ही विद्यार्थी सरकारी क्षेत्र में शिक्षण व्यवस्था, सामाजिक दायित्व के अंतर्गत सभी को शिक्षा आदि बोध से जुड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे वे समयानुरूप राजकीय शिक्षण के लिए अपडेट भी हो सकेंगे।

देवनानी ने बताया कि शिक्षक-शिक्षा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को उनको आवंटित जिले के स्थान पर गृह जिले मे रिक्त पडे़ शैक्षिक पदों पर इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिये लगाये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि जिन स्कूलों में ज्यादा पद रिक्त होंगे, वहां पर शिक्षक-प्रशिक्षण वाले ऎसे अभ्यर्थियों को लगाया जायेगा। इंटर्नशिप के दौरान बी.एड करने वाले विद्यार्थी सम्बन्धित विद्यालयों में विद्यार्थियों को सत्र का कोर्स पूरा कराएगें।

उन्होंने बताया कि बी.एड एवं डी.एल.एड कोर्सो में अध्ययनरत शिक्षर्थियों के इंटर्नशिप कार्यक्रम हेतु राजकीय विद्यालय आवंटित करने के लिये जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।