27 करोड़ छात्र एक साथ गाएंगे राष्ट्रगान

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27 करोड़ छात्र एक साथ 23 अगस्त को गाएंगे राष्ट्रगान- जावडेकर

आजादी 70 साल के उपलक्ष्य में केन्द्रीय कारागार गोरखपुर में केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री श्री जावडेकर ने नमन किया शहीद राम प्रसाद बिस्मिल को।

सम्मानित किए गए चौरी-चौरा आंदोलन के शहीदों के परिजन

आजादी के 70 साल कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने आज गोरखपुर स्थित केंद्रीय कारागार में जाकर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल को नमन किया व श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस मौके पर श्री जावडेकर ने बताया कि आगामी 23 अगस्त को जब तिरंगा यात्रा का समापन होगा तब देश के लगभग 27 करोड़ छात्र एक साथ राष्ट्रगान गाएंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय करेगा।

आज मंगलवार को श्री जावडेकर ने गोरखपुर स्थित कारागार में उस स्थल का भ्रमण किया और देखा जहां राम प्रसाद बिस्मिल को बंद किया गया था और फांसी दी गई थी। केंद्रीय मंत्री ने अमर शहीद को नमन किया और कहा, 1857 से 1947 तक के आजादी के आंदोलन में बहुत से लोगों ने अपने प्राणों की आहूति दी है। युवा पीढ़ी को यह बताना बहुत जरूरी है कि यह आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली। अंग्रेज़ देश से यूं ही नहीं चले गए।

श्री जावडेकर ने कहा कि बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों का योगदान अविस्मरणीय है। देश की नई पीढ़ी को इन देशभक्तों से और उनके बलिदान से शिक्षा लेनी चाहिए। आजादी की लड़ाई में योगदान देने वाले प्रमुख लोगों का स्मरण करते हुए श्री जावडेकर ने कहा, जिन वीर स्वतन्त्रता सेनानियों ने आजादी की लड़ाई लड़ते हुए अपने प्राणों की आहूति दी, यह आवश्यक है कि आज की पीढ़ी न सिर्फ उनके बारे में जाने बल्कि उनके बताए रास्ते का देशहित में अनुसरण करे।

श्री जावडेकर ने युवाओं से कहा कि उन्हें कभी भी महात्मा गांधी, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद जैसे तमाम बलिदानियों का देश के लिए किया गया योगदान भूलना नहीं चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, हम तिरंगा यात्रा के लिए इसलिए निकले हैं ताकि लोगों को आजादी के लिए कुर्बानी देने वाली विभूतियों के योगदान के प्रति आम जनता खासकर नई पीढ़ी को जागरूक किया जा सके। भारत के सभी वर्ग के लोगों ने आजादी की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता।

काकोरी कांड को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वैसे ही अमर शहीद बिस्मिल को मात्र 23 साल की उम्र में ही फांसी की सजा दी गई थी। उन्होने ढेर सारी किताबें लिखीं जिनकी रायल्टी तक उन्हें नहीं मिली। हमसब ऐसे क्रांतिकारियों के बलिदान से प्रेरणा ले कर राष्ट्रहित में काम कर सकते हैं।

इस मौके पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने चौरी-चौरा आंदोलन में शहीद हुए लोगों के परिजनों को भी सम्मानित किया। साथ ही बताया कि आगामी 23 अगस्त को जब तिरंगा यात्रा का समापन होगा तब एकसाथ देश के लगभग 27 करोड़ छात्र एक साथ राष्ट्रगान गाकर देशभक्ति की भावना को बुलंद करेंगे।