आरएएस 2016 परीक्षा : विधिक राय ही तय करेगी परीक्षा का भविष्य

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आरएएस 2016 परीक्षा : विधिक राय ही तय करेगी परीक्षा का भविष्य

आरएएस 2016 परीक्षा को निरस्त करने के अदालत के फैसले के बाद राजस्थान लोक सेवा आयोग ने फैसले पर विधिक राय लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालाकि आयोग को फैसले की प्रमाणित प्रति सोमवार शाम तक नहीं मिली है। इंटरनेट से प्राप्त की गई प्रति को जयपुर व जोधपुर के वकीलों को भेजकर विधिक राय ली जा रही है।

वकीलों से राय मिलने के बाद मामले को फुल कमीशन में रखा जाकर अपील के संबंध में फैसला किया जाएगा। आयोग के अधिकारियों ने सोमवार को नेट से प्राप्त फैसले की प्रति को विधि विभाग में भेजकर टिप्पणी मांगी है वहीं फैसले की प्रति को वकीलों को भी भेजा गया है।

आयोग ने आरएएस प्री-परीक्षा में एसबीसी को शामिल करते हुए परीक्षा आयोजित करा ली थी। इस बीच कैप्टन गुरविंदर सिंह व नेपाल सिंह के फैसले में गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने को अनुचित बताया लेकिन आयोग तब तक परीक्षा करा चुका था। इधर सरकार ने एसबीसी आरक्षण के संबंध में 1252 अतिरिक्त पद सृजित कर दिए और एसबीसी को सामान्य वर्ग में मानते हुए पदों को भरने के आदेश दिए।

आयोग के सूत्रों की मानें तो एसबीसी के अभ्यर्थियों की कट ऑफ ओबीसी व सामान्य के करीब थी। इसलिए कोई खास अंतर नहीं पड़ते देख आयोग ने प्री- की तर्ज पर मुख्य परीक्षा भी करवा ली और परिणाम भी जारी कर साक्षात्कार शुरू कर लिए।

यहां अटका मामला

जानकार बताते हैं कि आरपीएससी का मानना था कि एसबीसी के अभ्यर्थियों का प्रतिशत सामान्य व ओबीसी के समान है इसलिए मूल परिणाम में खास फर्क नहीं पड़ेगा। केवल महिला एसबीसी अभ्यर्थियों के अंक कम होने के आधार पर वह बाहर हो सकती हैं। बस यही आयोग के लिए मामले में पेचीदगी पैदा कर रहा है। हालाकि इनकी संख्या मामूली है लेकिन अब मामला कोर्ट में है। आयोग भी अपील करने की कवायद में है। एेसे वंचित अभ्यर्थियों के लिए अदालत जो आदेश दे अन्यथा आयोग को रद्द परीक्षा को दुबारा करवाना पड़ेगा। साक्षात्कार दे चुके अभ्यर्थी इसे लेकर क्या रुख अपनाएंगे यह आने वाला समय ही बताएगा।


विद्यार्थी सेवा केन्द्र में आएं, रसीद कटाएं फिर चक्कर लगाएं

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से मल्टीपरपज स्कूल कोटा में बना संभाग का एकमात्र विद्यार्थी सेवा केन्द्र इन दिनों विद्यार्थियों के लिए असुविधा का केन्द्र बन कर रह गया है। यहां एक सप्ताह से बीएसएनएल का सर्वर खराब पड़ा है, कामकाज ठप है।दो-दो दिन चक्कर काटने के बावजूद उनके काम नहीं हो रहे।

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सत्र 2004-05 में संभाग स्तर पर विद्यार्थी सुविधा केन्द्र शुरू किया, ताकि विद्यार्थी को माइग्रेशन व डुप्लीकेट मार्कशीट के लिए अजमेर बोर्ड नहीं आना पड़े और विद्यार्थी को संभाग स्तर पर ही यह सुविधा मिल सके। कोटा संभाग का सुविधा केन्द्र मल्टीपरपज स्कूल में बनाया गया।

यहां विद्यार्थियों के लिए माइग्रेशन व डुप्लीकेट मार्कशीट जारी की जाती है, लेकिन 26 जुलाई से यहां नेटवर्क  की खराबी आई। उस दिन 20 मार्कशीट ही जारी हो पाई। उसके बाद 27 से अब तक नेटवर्क खराब पड़ा है। सुविधा केन्द्र में मार्कशीट बनाने के लिए सौ से अधिक फार्म इंतजार में पड़े हैं। केन्द्र की ओर से बीएसएनएल ऑफिस में भी शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सिर्फ रसीद निकल रही, दस्तावेज नहीं

सुविधा केन्द्र पर 2001 से लेकर 2016 तक के विद्यार्थियों के माइग्रेशन व डुप्लीकेट मार्कशीट जारी करने के लिए प्रत्येक दस्तावेज के लिए दो सौ रुपए लगते हैं। विद्यार्थी को इसके लिए पहले रसीद कटाना होता है। केन्द्र पर रसीद का प्रिंट तो आ रहा है लेकिन मार्कशीट या माइग्रेशन में विद्यार्थी से जुड़ी एंट्री नहीं आ पा रही। एेसे में विद्यार्थियों को रसीद कटाने के बाद चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

सुविधा केन्द्र प्रभारी कौशल मेवाड़ा का कहना है कि सुविधा केन्द्र पर 26 जुलाई से बीएसएनएल का नेटवर्क खराब है। इसके चलते माइग्रेशन व डुप्लीकेट मार्कशीट जारी नहीं हो पा रही हैं। बीएसएनएल ऑफिस में सूचित कर दिया है।