कड़े मापदंडो से बीएड कॉलेजों के छूटे पसीने
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षक परिषद (एनटीसीई) के नए नियमों के अनुसार अब बीएड कॉलेज खोलना आसान नहीं होगा। कठोर मानक बीएड कॉलेजों के लिए मुसीबत बन गए हैं।
यूनिट के हिसाब से कॉलेजों को मानक पूरे करने हैं, उसके बाद ही संबद्धता मिलेगी। दर्जनों कॉलेज ऐसे हैं, जो एनसीटीई के मानक कागजों पर तो खरे उतर रह हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई उलट है।
नए नियमों के तहत कॉलेजों को एेसे शिक्षक नियुक्त करने होंगे जो एनटीसीई के तय मापदंड के अनुरूप शैक्षिक योग्यता रखते हों। क्योंकि जल्द ही एनसीटीई बीएड कॉलेजों का निरीक्षण करेगी। इससे पूर्व कॉलेजों को एनसीटीई द्वारा तय मापदंडों के अनुरूप नियुक्त स्टाफ का संबंधित यूनिवर्सिटी से अनुमोदन करना होगा।
शिक्षकों की नियुक्ति, पड़ रही भारी
अधिकतर बीएड कॉलेज के मानक केवल कागजों पर ही पूरे मिलते हैं। इस बार एनसीटीई ने नियम बदल दिए हैं। मानक पूरे होने पर ही उनको संबद्धता मिलेगी। बीएड कॉलेजों में फाइन आर्ट्स के व्याख्याता के लिए अभ्यर्थी की योग्यता कम से कम मास्टर इन फाइन आर्ट्स एवं पीटीआई के लिए एमपीएड होना अनिवार्य है।
विज्ञान एवं वाणिज्य विषय के व्याख्याताओं के लिए एमएड होना अनिवार्य है। कॉलेजों में नियमानुसार शिक्षक होने पर सीटें आवंटित की जाएंगी। नए नियम के मुताबिक एक वर्ग यानी 50 छात्रों पर 7 शिक्षक होना अनिवार्य है। यानी 100 सीटों पर प्रवेश लेने हैं तो 14 शिक्षक एवं एक प्रिंसिपल होना अनिवार्य है।
जमीन के लिए भी मानक
50 अभ्यर्थियों की यूनिट के लिए संस्थान के पास 2500 वर्ग मीटर भूमि होनी चाहिए। एक हजार वर्ग मीटर खेलकूद के लिए होना चाहिए। 50 अभ्यर्थियों की भर्ती के लिए 500 वर्ग मीटर, 200 और 300 अभ्यर्थियों के लिए 3500 वर्ग मीटर भूमि होनी चाहिए। बीएड और एमएड के लिए संस्थान के पास अपनी तीन हजार वर्ग मीटर भूमि होनी चाहिए, जिसमें 2000 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र हो।
नहीं मिल रहे शिक्षक
संगीत व फाइन आर्ट्स को पाठ्यक्रम में शामिल किया है। एेसे में संगीत के शिक्षक तो उपलब्ध हैं, लेकिन फाइन आर्ट्स के शिक्षक कॉलेजों को नहीं मिल पा रहे।
ऐसे हैं नए नियम
- पहले बीएड, एमएड पाठ्यक्रम एक साल का था, जिसे शैक्षणिक सत्र 2016-17 से दो साल कर दिया।
- इन पाठ्यक्रमों को अधिक से अधिक तीन शिक्षण सत्रों में पूरा किया जा सकता है।
- 50 विद्यार्थियों पर 2500 वर्ग मीटर, इसमें से 1500 वर्ग मीटर निर्मित भूमि हो।
- 50-50 विद्यार्थियों की भर्ती के लिए पूर्णकालिक शिक्षक होना जरूरी।
बीएड व एमएड सहित तीन पाठ्यक्रम अनिवार्य
अब सिर्फ बीएड व एमएड कराने वालों को कॉलेज खोलने की मान्यता नहीं मिलेगी। अब बीएड व एमएड कॉलेज की मान्यता उन्हें मिलेगी जोकि बीएड व एमएड कराने के अलावा कम से कम तीन अन्य पाठ्यक्रम संचालित करते हों। नए नियमों के तहत पुराने शिक्षण संस्थानों को भी कई बदलाव करने होंगे।