कोटा : शिक्षकों के तबादलों ने बिगाड़ दी एनसीसी की कदमताल

shivira shiksha vibhag rajasthan shiksha.rajasthan.gov.in district news DPC, RajRMSA, RajShiksha Order, rajshiksha.gov.in, shiksha.rajasthan.gov.in, Shivira Panchang February 2017, अजमेर, अभिनव शिक्षा, अलवर, उदयपुर, करौली, कोटा, गंगानगर, चित्तौड़गढ़, चुरू, जयपुर, जालोर, जैसलमेर, जोधपुर, झालावाड़, झुंझुनू, टोंक, डीपीसी, डूंगरपुर, दौसा, धौलपुर, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, प्राइमरी एज्‍युकेशन, प्राथमिक शिक्षा, बाड़मेर, बारां, बांसवाड़ा, बीकानेर, बीकानेर Karyalaye Nirdeshak Madhyamik Shiksha Rajisthan Bikaner, बूंदी, भरतपुर, भीलवाड़ा, माध्‍यमिक शिक्षा, मिडल एज्‍युकेशन, राजसमन्द, शिक्षकों की भूमिका, शिक्षा निदेशालय, शिक्षा में बदलाव, शिक्षा में सुधार, शिक्षा विभाग राजस्‍थान, सरकार की भूमिका, सवाई माधोपुर, सिरोही, सीकर, हनुमानगढ़

कोटा : शिक्षकों के तबादलों ने बिगाड़ दी एनसीसी की कदमताल, कॉलेज आयुक्तालय ने मांगा एनसीसी शिक्षकों का ब्यौरा

कोटा : नए कॉलेजों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए पहले तो कॉलेज आयुक्तालय ने बिना जांच पड़ताल राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों के एकमुश्त तबादले कर दिए, लेकिन जब राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) जैसी गतिविधियां संचालित करने वाले शिक्षकों की कमी पड़ी तो अब एक-एक कॉलेज से प्रशिक्षित शिक्षकों की जानकारी जुटाई जा रही है।

राजकीय महाविद्यालय और जेडीबी कन्या महाविद्यालय जैसे कॉलेजों में एनसीसी प्रभारी का काम देख रहे शिक्षकों को ऐसे कॉलेजों में लगा दिया गया जहां एनसीसी की यूनिटें तक नहीं थीं। नतीजतन जिन कॉलेजों में यह शिक्षक एनसीसी का काम देख रहे थे वहां प्रभारियों का टोटा पड़ गया और एनसीसी से जुड़ी गतिविधियां प्रभावित होने लगीं।

कॉलेज आयुक्तालय को जब अपनी इस गलती का पता चला तो संयुक्त निदेशक अकादमिक ने सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को पत्र लिखकर प्रशिक्षित शिक्षकों का ब्यौरा तलब किया है। ताकि इन शिक्षकों को फिर से ऐसे महाविद्यालयों में भेजा जा सके जो प्रभारियों की कमी से जूझ रहे हों।

यूनिट बढ़ाने की तैयारी

विषय के तौर पर एनसीसी की पढ़ाई शुरू करने के लिए आयुक्तालय नए कॉलेजों में भी एनसीसी यूनिट खोलेगा। साथ ही मूल महाविद्यालयों के संकायों को अलग कर स्थापित किए गए नवीन महाविद्यालयों में भी एनसीसी की नई यूनिटें स्थापित करने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालयों से एनसीसी की यूनिट होने और वर्तमान छात्र संख्या के आधार पर उसमें बढ़ोत्तरी करने के बारे में भी प्रस्ताव मांगे गए हैं।