ग्रेड-I के लिए प्रवेश की आयु को एक समान 6+ वर्ष रखने का निर्देश

shiksha mantralay शिक्षा मंत्रालय

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 देश के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में ‘मूलभूत चरण’ चरण में बच्चों की शिक्षा को मजबूत बनाने की सिफारिश करती है। मूलभूत चरण में सभी बच्चों (3 से 8 वर्ष के बीच) के लिए 5 वर्ष सीखने के अवसर शामिल हैं, जिसमें 3 साल की प्री-स्कूल एजुकेशन और 2 साल की प्रारंभिक प्राथमिक ग्रेड-I और ग्रेड-II शामिल हैं।

इस तरह यह नीति प्री-स्कूल से ग्रेड-II तक के बच्चों के निर्बाध शिक्षण और विकास को प्रोत्‍साहित करती है। यह केवल आंगनवाड़ियों या सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और गैर-सरकारी संगठन द्वारा संचालित प्री-स्कूल केंद्रों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के लिए तीन वर्ष की गुणवत्तापूर्ण प्री-स्कूल शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करके ही किया जा सकता है। इसके अतिरिक्‍त, मूलभूत चरण पर सबसे महत्वपूर्ण कारक योग्य शिक्षकों की उपलब्धता है जो विशेष रूप से उम्र तथा विकासात्मक रूप से उपयुक्त पाठ्यक्रम और शिक्षण शास्त्र में प्रशिक्षित हों। मूलभूत चरण के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ-एफएस) भी हाल ही में 20.10.2022 को लॉन्च किया गया है।

शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इस विजन को पूरा करने के लिए दिनांक 09.02.2023 के डी.ओ. पत्र 22-7/2021-ईई.19/आईएस.13 के माध्‍यम से सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों को नीति के साथ प्रवेश के लिए अब आयु को समान रूप से 6+ वर्ष करने तथा 6+ वर्ष की आयु में ग्रेड-I में प्रवेश देने के निर्देशों को दोहराया है।

राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सलाह भी दी गई है कि वे अपने यहां प्री-स्कूल शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा (डीपीएसई) पाठ्यक्रम तैयार करने और चलाने की प्रक्रिया प्रारंभ करें। इस पाठ्यक्रम को राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा डिजाइन किए जाने की आशा है तथा एससीईआरटी की देखरेख और दायित्‍व के अंतर्गत जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डीआईईटी) के माध्यम से चलाया/कार्यान्वित किया जाएगा।