चिड़ावा : अब पढ़ाई के साथ सेना की ट्रेनिंग
चिड़ावा : जिला कलक्टर प्रदीप कुमार बोरड़ के निर्देश पर जिले के सभी 301 आदर्श विद्यालयों में सेना की तैयारी के लिए डिफेंस एकेडमी खोले जाने का काम शुरू हो गया है। जिले में कई जगह पर इसके लिए कोशिशें शुरू हो गई है। ऐसी ही कोशिश जमीन पर उतरी है सोलाना में। जहां के स्वतंत्रता सैनानी सांवतराम राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान को डिफेंस एकेडमी के लिए तैयार किया गया है। साथ ही रजिस्ट्रेशन के अलावा शुरुआती तौर पर तैयारियां भी शुरू हो गई।
जिला कलक्टर बोरड़ इस डिफेंस एकेडमी का जायजा लेने के लिए पहुंचे और विधिवत इसका उद्घाटन भी किया। महिला अधिकारिता विभाग के कार्यक्रम अधिकारी विप्लव न्यौला के साथ पहुंचे जिला कलक्टर बोरड़ ने मैदान का जायजा लिया और तैयारी के लिए पंजीबद्ध युवाओं से भी बातचीत की।
इस मौके पर बोरड़ ने कहा कि जिले के 301 स्कूलों में ऐसी डिफेंस एकेडमी शुरू की जा रही है और यह सुखद अनुभव है कि इसके लिए ना केवल स्कूल स्टाफ, बल्कि पूर्व सैनिक और ग्रामीण भी आगे आ रहे हैं। इससे पहले स्कूल पहुंचने पर संस्था प्रधान प्रतिभा न्यौला व सामाजिक कार्यकर्ता होशियारसिंह आदि ने कलक्टर का स्वागत किया।
इस मौके पर रिटायर्ड टीचर सुभाषचंद्र, हनुमानसिंह पंच, धर्मपालसिंह, नवयुवक मंडल के अध्यक्ष विक्रमसिंह डूडी के अलावा सत्यवीर भैड़ा, महिपाल सैनी, ऋतु शर्मा, विनोद बेनीवाल, वेदपाल, मणी, नवयुवक मंडल के कमल डूडी, सत्येंद्र झाझडिय़ा आदि स्टाफ सदस्य मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान दीपिका नर्सरी सोलाना की ओर से जरूरतमंद बच्चों को स्वेटर वितरण भी किया गया।
हर पंद्रह दिन में होगा स्टेटस अपडेट
संस्था प्रधान प्रतिभा न्यौला ने बताया कि पंजीबद्ध सभी युवाओं-युवतियों को डाटा सेना के हिसाब से रखा गया है। नियमित रूप से ट्रेनिंग शुरू होने के बाद हर 15 दिन से टेस्ट होगा और उसके मुताबिक उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। इस डाटा में हाइट, चेस्ट, वेट, डाइट आदि सभी चीजों की जानकारी हर 15 दिन में अपडेट होगी।
26 को बनाई जाएगी रूपरेखा
हालांकि स्कूल में डिफेंस एकेडमी शुरू कर दी गई है और करीब 50 युवक-युवतियों के पंजीयन हो गए है और उन्होंने तैयारियां भी शुरू कर दी है। लेकिन इसकी पूरी रूपरेखा और पूर्व सैनिकों की सेवाओं का लेकर चर्चा इस बार 26 जनवरी को होगी। इस मौके पर गांव के लोग स्कूल में एकत्र होंगे और इसमें अपने अपने सहयोग को लेकर चर्चा करेंगे। इसके बाद एक फरवरी से इस एकेडमी को नियमित और अनुशासनित तरीके से चलाने की मंशा हैं।
गांव की युवतियां भी आईं आगे
जब अपने गांव की स्कूल में ही डिफेंस एकेडमी खुलने की बात सुनी तो गांव की दो युवतियां भी सेना में जाने की तैयारी के लिए आगे आई। हालांकि निचले स्तर पर सेना में लड़कियों के लिए शायद ही कोई जॉब हो। लेकिन यदि वे भविष्य में पुलिस सहित अन्य सेवाओं में जाती है तो उन्हें इस ट्रेनिंग का बड़ा लाभ हो सकता है। इनमें एक युवती पूनम तो बीएड कर रही है और साथ में वे डिफेंस ट्रेनिंग भी लेंगी और इसके अलावा एक कॉलेज की छात्रा मिनाक्षी भी शामिल है।
नवयुवक मंडल ने संभाला जिम्मा
नवयुवक मंडल अध्यक्ष विक्रमसिंह डूडी ने बताया कि जब उन्हें इसकी जानकारी लगी तो उनकी गांव की स्कूल में डिफेंस एकेडमी खुलने जा रही है तो उन्होंने खुद पहल कर इस एकेडमी का जिम्मा संभाला और युवाओं को इसके लिए प्रेरित करने के अलावा अब इसमें और अधिक सुविधाएं क्या दी जा सकती है। उसके लिए काम कर रहे हैं।