धूल फांक रही स्मार्ट क्लास
17 स्कूलों में लगनी थी स्मार्ट क्लास पर कंपनी ने ऑपरेटर ही नहीं भेजे
प्रदेश के चुनिंदा सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत हजारों विद्यार्थियों का इस सत्र में स्मार्ट क्लास में बैठकर प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ने का सपना अब तक पूरा नहीं हो पाया। लगभग आधा सत्र गुजर गया,लेकिन जिले के 17 स्कूलों सहित अधिकांश जिलो में एक भी स्मार्ट क्लास शुरू नहीं हो पाई। एमओयू करने वाली कंपनी ने उपकरण तो भेज दिए, लेकिन इनके संचालन के लिए किसी को नहीं भेजा। विभागीय अधिकारियों ने इस ओर मुड़कर भी नहीं देखा।
प्रदेश के 407 सरकारी स्कूलों में इस सत्र की शुरुआत से स्मार्ट क्लासें शुरू होनी थी। इसमें चित्तौड़गढ़ जिले के 17 स्कूलों का चयन हुआ था। मकसद विकसित देशों की तर्ज पर ई-लर्निंग सुविधा देना है। इन स्कूलों में एक-एक स्मार्ट क्लास तैयार कर कक्षा नौ से 12वीं तक के बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ाना था। इसके अलावा किसी भी सब्जेक्ट में रही किसी भी तरह की कठिनाई के निवारण के लिए ऑनलाइन विषय विशेषज्ञ की सेवा लेना भी इसमें शामिल है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने चयनित स्कूलों में अप्रैल से स्मार्ट क्लास की सुविधा मिलने का दावा किया था,लेकिन बाद में इस ओर मुड़कर देखा भी नहीं। संबंधित कंपनी ने उपकरण भेजकर इतिश्री कर ली।
जिलों में स्मार्ट क्लास के लिए चयनित विद्यालय
गंगानगरके 15
बीकानेर के 8
हनुमानगढ़ के 17
चूरू के 16
झुंझुनूं 21
अलवर चित्तौड़गढ़ के 17-17
भरतपुर 3
धौलपुर 2
करौली 3
सवाईमाधोपुर 12
दौसा 7
जयपुर के 20
सीकर के 14
नागौर के 31
जोधपुर के 9
जैसलमेर के 5
बाड़मेर के 7
जालौर के 8
सिरोही के 11
पाली के 26
अजमेर के 14
टोंक के 13
बूंदी के 10
राजसमंद के 19
उदयपुर के 11
डूंगरपुर के 2
बांसवाड़ा के 12
कोटा के 4
बारां के 9
झालावाड़ के 6
प्रतापगढ़ के 7
ये उपकरण लगाए गए
स्मार्टक्लास में प्रोफेशनल डेस्कटॉप, यूएसबी वेब कैमरा, माइक फॉर डेस्कटॉप, इलेक्ट्रॉनिक इंटरेक्टिव व्हाइट बोर्ड, प्रोजेक्टर, वन केवीए ऑनलाइन यूपीएस, 40 इंच की एचडी डिस्प्ले स्क्रीन लगाई है। उच्च अधिकारियों ने इस कार्य के लिए ईआरएनईटी इंडिया मैसर्स रीको इंडिया लिमिटेड को उपकरण सप्लाई/इंस्टाल करने,स्थान का विजिट करने तथा संस्था प्रधानों को उपकरणों के बारे में जानकारी देने का काम सौंपा था।