निजी स्कूल किताबें, स्टेशनरी आदि थोपने से बचें
शिक्षा विभाग की ओर से बुधवार को निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों की कार्यशाला राजीव गांधी ऑडिटोरियम में आयोजित की गई। कार्यशाला में डीईओ (माध्यमिक) प्रथम घीसालाल शर्मा द्वितीय मदन मोहन पारीक तथा प्रारंभिक विष्णु चाष्टा सहित जिले भर से बीईईओ ने भाग लिया।
कार्यशाला में वक्ताओं ने विद्यालय की मान्यता,आरटीई,भूमि रूपांतरण,फीस निर्धारण और विद्यालय के आवश्यक दस्तावेज के बारे में जानकारी दी। शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। पूर्व शिक्षा अधिकारी तेज सिंह नाहर ने मान्यता के लिए स्कूल द्वारा संधारित किए जाने वाल आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दी। पांसल स्कूल के प्रिंसिपल दुर्गा लाल बारेठ ने भौतिक सत्यापन के दौरान आने वाले कठिनाइयों के बारे में विस्तार बताया। एडीईओ अशोक पारीक ने कार्यशाला के उद्देश्य बताए। उन्होंने रिकॉर्ड अपडेट करने के बारे में प्रकाश डाला।
रिटायर एडीईओ रोशन लाल तोतला ने फीस निर्धारण पर जानकारी दी। आरटीई जिला प्रभारी उदय लाल सोनी ने आरटीई प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि निजी स्कूल संचालक किताबें,स्टेशनरी,टाई,बेल्ट मौजे बचने से बचे। कार्यशाला में स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेशाध्यक्ष अनिल शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त कर सरकार से जारी नए परिपत्र अध्यादेश नियमों की जानकारी प्रदान की।
निजी स्कूलों को नहीं मिली विशेष जानकारियां
उधर, स्कूल शिक्षा परिवार के जिलाध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा कि,शिक्षा विभाग के अधिकारियो के द्वारा कार्यशाला में जो भी बिंदु बताए गए उनका संबंध केवल सरकारी तंत्र से था। जिनसे निजी विद्यालयों को कोई विशेष जानकारी नहीं मिल पाई। कार्यशाला का उद्देश्य पूर्ण रूप से हल नहीं हुआ। वहीं संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में निजी स्कूलों के संगठन को समस्या बताने के लिए नहीं बुलाना समाधान नहीं करने से कार्यशाला का उद्देश्य ही खत्म हो गया।
संगठनों को विश्वास में लिए बगैर हुई कार्यशाला
राजस्थानप्राईवेट एज्युकेशन एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश चंद्र शर्मा ने बताया कि विभाग के कुछ अधिकारियों ने कुछ लोगों से सांठ-गांठ करके संगठन को बिना विश्वास में लिए शिविर का आयोजन कर दिया। संगठन ऐसे अधिकारियों को हटाने के लिए सरकार से आग्रह करेगा। प्रदेश महामंत्री भैरू लाल तोलंबिया एवं जिला अध्यक्ष करण दीवान कटारिया ने बताया कि जिला कार्यकारिणी ने निंदा प्रस्ताव पारित किया।