न्यायालय के आदेशों के बाद भी नियुक्ति नहीं
लोक सेवा आयोग की ओर से 2006 में तृतीय श्रेणी अध्यापकों की भर्ती परीक्षा कोर्ट के आदेशों के बाद रिसफल परिणामों से चयनित करीब 316 अभ्यर्थी नियुक्ति की अभिशंषा के क रीब 5 माह बाद भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।
राजस्थान तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा-2006 चयनित शिक्षक संघ के बेनर तले ये अभ्यर्थी पिछले 132 दिनों से प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के समक्ष धरने पर बैठे हैं। लेकिन विभाग व सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।
संघ के संरक्षक कालूराम ने बताया कि कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका भी दायर कर रखी है जिसमे कोर्ट ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को 5 दिसम्बर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए है।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने आयेाग द्वारा भेजे गए 316 आवेदनों में मेरिट क्रमांक नहंीं होने, केटेगरी वाइज आवेदन नहीं होने आदि की कमी बताते हुए सभी 316 आवेदन वापस आयोग को भेज दिए।
बेरोजगार शिक्षकों का कहना है कि कोर्ट के आदेशों के बाद भी उन्हें नियुक्तियां नहीं दी जा रही है जिसके कारण निदेशालय के समक्ष पिछले 132 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक नियुक्तियां नहंी दी जाएगी चयनित तृतीय श्रेणी अध्यापकों का धरना जारी रहेगा।
यह है मामला
लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2006 में 29 हजार तृतीय श्रेणी अध्यापकों की भर्ती परीक्षा आयोजित की जिसमें 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए। परिणाम जारी होने पर 33 की जगह 50 प्रतिशत महिलाओं को चयनित कर लिया गया जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई जिस पर कोर्ट ने आयोग व शिक्षा विभाग को विज्ञापित पदों के अनुसार ही नियुक्तियां देने के निर्देश देते हुए वंचित रहे अभ्यर्थियों के रिसफल परिणाम जारी करने के निर्देश दिए।
आयोग ने एेसे 1383 अभ्यर्थियों के रिसफल परिणाम जारी कर 991 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अभिशंषा प्रारंभिक शिक्षा विभाग को की जिन्हे नियुक्तियां भी दे दी गई। शेष बचे 391 अभ्यर्थियों में से 356 अभ्यर्थियों के आवदेन जांच करने पर 40 अभ्यर्थी अपात्र माने गए। आयोग ने सही पाए गए 316 अभ्यर्थियों की 28 जून 2016 को नियुक्ति की अभिशंषा करते हुए निदेशालय को उनके मूल आवेदन भेजे।