सीबीएसई ने कक्षा 9 की पाठ्य पुस्तक से नादर समुदाय से संबंधित अंश हटाया
सीबीएसई ने दक्षिण भारत में कक्षा 9वीं की सामाजिक विज्ञान की पाठ्य पुस्तक से कुछ लाइनों को हटाने का फैसला किया है। ये लाइनें नादर समुदाय से संबंधित हैं। सीबीएसई ने मंगलवार को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए। सीबीएसई के संयुक्त सचिव मनोज कुमार श्रीवास्तव की ओर से यह दिशा-निर्देश जारी किए गया है। ये निर्देश नादर समुदाय के बारे में हिस्ट्री की किताब के चैप्टर 8 को लेकर हैं। इस चैप्टर में ‘अपर क्लॉथ रिवोल्ट’ से संबंधित कुछ लाइनों में इनका जिक्र है। अब सीबीएसई ने इन्हें हटाने का फैसला किया है। यह फैसला इस समुदाय द्वारा इस टेक्स्ट पर ऐतराज जताए जाने के बाद लिया गया है।
गौरतलब है कि सीबीएसई और अन्य स्टेट बोर्ड वर्ष 2006-07 से नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च यानी एनसीईआरटी द्वारा छापी गई पाठ्य पुस्तकों को अपने स्कूलों में लागू कर रहे हैं। दरअसल कास्ट कनफ्लिक्ट एंड ड्रेस चेंज नामक इस सेक्शन में पुरातन भारत में भोजन और ड्रेस से संबंधित नियमों के बारे में बताया गया है।
अब एक सर्कुलर जारी कर 19 हजार स्कूलों को सीबीएसई ने कहा है, इसे करिकुलम से हटाया जाए और इससे संबंधित कोई भी प्रश्न 2017 की परीक्षाओं में ना पूछा जाए।
एनसीईआरटी के डायरेक्टर ने कहा, इस पेराग्राफ पर पहले ही कुछ पार्टियों के सांसद एतराज जता चुके थे। दरअसल इस अध्याय में बताया गया था कि नादर, निचली जाति के लोग होते थे और वे अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को नहीं ढका करते थे। बाद में इस समुदाय की महिलाओं ने यह अधिकार पाने के लिए काफी संघर्ष किया था।