5 साल में 98 से 450 पहुंचाया नामांकन, स्कूल में लगाया बगीचा
बाड़मेर। बाड़मेर मुख्यालय से 175 किमी. दूर गंगावास गांव के सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल की एक शिक्षक की कड़ी मेहनत ने पांच साल में सूरत ही बदल दी है। यह शिक्षक है पूनम सिंह। यहां पांच साल पहले बच्चे इस स्कूल जाने से कतराते थे, वहां अब बच्चों के एडमिशन के लिए भीड़ उमड़ रही है। 3 अक्टूबर 2012 को इस स्कूल में शिक्षक पीएस जाखड़ की नियुक्ति हुई थी। इसके बाद स्कूल का स्वरूप ही बदल गया। अभिभावक जिस स्कूल में बच्चों को भेजने से कतराते थे, अब उसी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए होड़ मची हुई है। 2012 में सिर्फ 98 का नामांकन था, लेकिन अब इसमें 450 बच्चे पढ़ रहे हैं। पिछले चार साल का बोर्ड रिजल्ट भी शत प्रतिशत रहा है। विज्ञान मॉडल, साइंस क्विज, साइंस ड्रामा फेस्टिवल, टीचिंग एड, मॉडल रॉकेटरी, रोल प्ले, राष्ट्रीय लोक नृत्य, विज्ञान सेमिनार, गणित, विज्ञान एवं पर्यावरण प्रदर्शनी तथा जनसंख्या शिक्षा मेले में पिछले चार वर्षों में 225 से अधिक विद्यार्थी भाग ले चुके हैं। यहां की छात्रा लीला सारण जिले के सरकारी की विद्यालय की पहली छात्रा जिसने पैराग्लाइडिंग के जरिए 3000 फीट की साहसिक उड़ान भरी।
राउमावि. गंगावास स्कूल को बाहर से देखने में यह स्कूल नहीं बड़ा गार्डन नजर आता है। बच्चे इन्हीं गार्डन में खेलते-कूदते है। एग्जाम के समय बच्चों को इसी गार्डन में बिठाया जाता है। तालाब किनारे बसे स्कूल का सौंदर्य कुछ ऐसा है कि इसे देखने के लिए दिन में कई लोग यहां पहुंचते हैं। 1000 से ज्यादा यहां खुशबूदार, फलदार, छायादार पौधे लगाए गए है। पानी की कमी मुरड़युक्त जमीं के बावजूद यहां डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से वाटिका विकसित की गई है। इसके अलावा अब हर्बल वाटिका के लिए जमीन तैयार की जा चुकी है, जहां 250 औषधीय पौधे लगाए जाएंगे।
शिक्षक जाखड़ कई शोध कर चुके है
डॉ.जाखड़ 22 शोध पत्र इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत कर चुके हैं तथा वहीं 18 रिसर्च पेपर इंटरनेशनल जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। राष्ट्रीय स्तर पर अल्फलाह विश्वविद्यालय फरीदाबाद हरियाणा में टीचर्स साइंस कांग्रेस 2013 में, नेहरू विज्ञान केन्द्र मुंबई में टीचिंग एड प्रतियोगिता 2015 में राजस्थान का नेतृत्व कर शिक्षक सेमीनार में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया था। शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने पर जिला स्तर पर, उपखंड स्तर पर दो बार सम्मानित हुए।