राजस्थान पुलिस में शुरू हुई भर्ती

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राजस्थान पुलिस में शुरू हुई भर्ती

राजस्थान में 5,500 पदों पर पुलिस भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन भर्ती के लिए दौड़ लगाते समय जान बचाई जा सकी इसके लिए अब पुलिस मुख्यालय ने भर्ती के नियमों में कुछ संशोधन किया है। नियमों की जटिलता को कम किया गया है। खासतौर पर भर्ती के नियमों में दौड़ के नियमों में संशोधन करते हुए दौड़ पहले से आधी की गई है। आपको बता दें कि चार साल में दौड़ के दौरान चार पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है जिसके तहत दौड़ में संशोधन का यह निर्णय लिया गया है।

चार साल में दौड़ के दौरान चार पुलिसकर्मी गवां चुके जान

राजस्थान पुलिस में चार साल बाद पुलिसकर्मियों की भर्ती हो रही है। बीजेपी सरकार ने ग्यारह हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती करने को अपने घोषणा पत्र में जगह दी थी लेकिन फिलहाल चार साल के बाद आधे पदों पर ही भर्ती की जा रही है। इस भर्ती के बाद भी पुलिस में करीब पंद्रह हजार पद खाली रह जाएंगे। चार साल में प्रदेश पुलिस में प्रमोशन को लेकर जो भर्तियां हुई हैं, उन भर्तियों के दौरान चार पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है। साल 2014 में तीन फरवरी को अमृतपुरी, घाटगेट में दौड़ के दौरान सिपाही रामजीलाल भेरवाल की मौत हो गई थी। वहीं दिसंबर 2015 में सीकर के दायरा गांव में रहने वाले एएसआई मालीराम की भी दम फूलने से मौत हो गई थी। जून 2015 में अलवर के बहरोड निवासी एएसआई कमल किशोर की भी मौत दौड़ के समय अटैक के चलते हुई थी। वहीं जून 2017 में भीलवाड़ा निवासी एएसआई हेमंत सिंह कोली थी मौत भी प्रमोशनल दौड़ के दौरान हुई थी।

अब पांच किलोमीटर में पूरी होगी दौड़

इस बार भर्ती प्रक्रिया में पुलिस मुख्यालय ने संशोधन किया है। इस बार केवल पांच किमी की दौड़ होगी। इसमें 20 मिनट में दौड़ पूरी करने पर 15 नंबर दिए जाएंगे। साथ ही इससे ज्यादा समय में दौड़ पूरी करने वाले भर्ती प्रक्रिया से बाहर नहीं होंगे, मगर उनको नंबर कम दिए जाएंगे। 20 से 22 मिनट में दौड़ पूरी करने पर दस अंक मिलेंगे। 22 से 25 मिनट में दौड़ पूरी करने पर पांच अंक दिए जाएंगे। महिला अभ्यर्थियों के लिए पांच किलोमीटर की दौड़ 26 मिनट में पूरी करने पर 15 अंक दिए जाएंगे। इससे पहले भर्ती प्रक्रिया में दस किमी की दौड़ होती थी। जिसमें नियत समय में पूरी नहीं करने वाले अभ्यर्थी दौड़ से बाहर हो जाते थे।

दौड़ कम करने के चक्कर में कहीं सिस्टम से समझौता तो नहीं

उधर कुछ पुलिस अफसरों का कहना है कि पुलिस भर्ती को पहले से ज्यादा कठोर बनाने की जगह इसमें नरमी बरती जा रही है। पुलिसकर्मी दौड़कर ही फिट रह पाते हैं जो सिपाही आठ से दस किलोमीटर ही नहीं दौड़ सकता, वह सिपाही फिट कैसे कहा जा सकता है। अगर दौड़ को दस किलोमीटर से कम कर पांच किलोमीटर किया जा रहा है तो कहीं न कहीं पुलिस सिस्टम से समझौता किया जा रहा है।