राजस्थान में बच्चों की सीखने की दक्षता में 8 से 20 प्रतिशत तक वृद्धि

80 प्रतिशत शिक्षकों ने सतत और व्यापक मूल्यांकन प्रणाली के प्रभावों को किया स्वीकार

राजस्थान में बच्चों की सीखने की दक्षता में 8 से 20 प्रतिशत तक हुई वृद्धि

जारी हुई नेशनल एवं स्टेट लर्निग अचिवमेन्ट सर्वे रिपोर्ट

केन्द्र सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत एनसीईआरटी के माध्यम से करवाए गए नेशनल अचिवमेन्ट सर्वे एवं राज्य सरकार द्वारा एसआईईआरटी उदयपुर के माध्यम से करवाए गए स्टेट लर्निग अचिवमेन्ट सर्वे में यह बात सामने आई है कि प्रदेश में गत दो वर्षो में शैक्षिक गुणवत्ता में तेजी से वृद्धि हुई है।

शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने बताया कि संयुक्त सर्वे के अनुसार 2016 में हिन्दी, गणित और विज्ञान विषयों मेंं विद्यार्थियों में विभिन्न दक्षताओं में 8 से 20 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है।

इस सर्वे में यह भी पाया गया है कि विद्यार्थियों में शैक्षिक दक्षताऎं बढ़ी है और उनके अधिक अंक प्राप्त करने की क्षमता पहले के मुकाबले बढ़ी है। उन्हाेंने बताया कि नेशनल एचीवमेंट सर्वे एवं स्टेट लर्निंग एचीवमेंट सर्वे के अंतर्गत राज्य के सभी 33 जिलों के 4-4 ब्लॉकों में सर्वेक्षण कराया गया था।

इसमेेंं 2 हजार 580 विद्यालयों से कक्षा 3, 5, एवं 7 के 40 हजार 596 विद्यार्थियों का परीक्षण किया गया था। उन्हाेंने बताया कि विगत वर्षों में कराए गए सर्वेक्षणों से प्राप्त परिणामों के तुलनात्मक विश्लेषण के अनुसार कक्षा 3, 5 एवं 7 के छात्रों के विभिन्न विषयों में सीखने के स्तर की उपलब्धि में 8 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सतत और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) का प्रभाव स्टेट लर्निंग एचीवमेंट के अंतर्गत वर्ष 2016 में यह भी देखा गया कि लगभग 80 प्रतिशत शिक्षकों ने सतत और व्यापक मूल्यांकन प्रणाली के सकारात्मक प्रभावों की पुष्टि की है। शिक्षकों ने माना कि सतत और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) से शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों की विद्यालय में भागीदारी बढ़ी है। प्रो. देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में गत दो वर्षो से राजस्थान सरकार द्वारा शैक्षिक गुणवत्ता सुधार हेतु निरन्तर प्रयास किये गये हैं।

इनके अंतर्गत विद्यालयों का एकीकरण, शिक्षकों का समानीकरण, विद्यालयों में शाला दर्शन की सूचनानुसार विषय शिक्षक उपलब्ध करवाया जाना, वर्ष मे दो बार सम्बलन तथा समस्त विद्यालयों में सतत और व्यापक मूल्यांकन एवं अन्य गतिविधियाँ शामिल है। इन सबके कारण ही राजस्थान में शैक्षिक गुणवत्ता में न केवल वृद्धि हुई है बल्कि बच्चों मे सीखने के स्तर में भी वृद्धि हुई है।