डूंगरपुर। शिक्षा के मुख्य सचिव नरेशपाल गंगवाल ने आदेश जारी कर प्रबोधक को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर लेवल आवंटित किए हैं। जिले के प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत 30 से अधिक प्रबोधक को लेवल प्रथम के विरुद्ध लगा रखा है। इस कारण इन प्रबोधकों (Promoters) को अब पदोन्नति और स्थानांतरण में परेशानी आएगी।
शिक्षा विभाग में प्रबोधक बीएड योग्यताधारी कार्यरत थे। इसमें पिछले लम्बे समय में पदोन्नति और लेवल निर्धारण के लिए संघर्षरत थे। जिसके कारण उन्होंने आंदोलन भी चला रखा था। इस पर शिक्षामंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए लेवल निर्धारण की बात स्वीकार कर दी। इसके बाद सोमवार को मुख्य सचिव नरेशपाल गंगवाल ने आदेश जारी कर प्रबोधक को योग्यता के आधार पर लेवल द्वितीय देने के निर्देश दिए हैं। शाला दर्शन पोर्टल के आयुक्त प्रिया बलराम ने बीएड योग्यताधारी प्रबोधकों को पोर्टल पर लेवल-2 दर्शा दिया। इससे संगठन और आम प्रबोधक राहत मिली है। वहीं दूसरी तरफ करीब 6 माह पहले से अधिशेष की काउंसलिंग में प्रबोधकों को लेवल-1 के विरुद्ध लगा रखा था। वे परेशान नजर आ रहे हैं। कुछ ब्लॉक में विभाग ने काउंसलिंग के नाम से प्रबोधकों के स्कूल बदल दिए। इससे उनके स्कूल का अपडेशन शाला दर्शन पोर्टल पर नहीं कर सके। जिससे अब उन्हें पदोन्नति और स्थानांतरण सहित अन्य लाभ से वंचित होने का खतरा मंडरा रहा है। प्रबोधक संघ ने एक माह पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक मणिलाल छगण को इस संबंध में ज्ञापन भी दिया था। इसके बावजूद अभी तक लेवल प्रथम के विरुद्ध लगे प्रबोधकों का लेवल निर्धारण नहीं हुआ। जिससे अब उन्हें दोहरी परेशानी झेलनी पड़ी।
प्रबोधक संघ शिक्षा संकुल तक पहुंचाएगा परेशानी
प्रबोधक संघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र जैन ने बताया कि जिले के 30 से अधिक प्रबोधक लेवल प्रथम के विरुद्ध लगे थे। इसमें शाला दर्शन पोर्टल पर अभी तक उनके लेवल का निर्धारण नहीं हो पाया है। ऐसे में उनके पद के विरुद्ध कार्य करने और अन्य तकनीकी समस्या की जानकारी शिक्षा सकुंल जयपुर तक की जाएगी। जिससे उनके लेवल का निर्धारण किया जा सके।
लेवल निर्धारण नहीं होने से बढ़ेगी परेशानी
प्रबोधक का पोर्टल पर लेवल निर्धारण नहीं होने से परेशानी बढ़ेगी। सभी प्रकार के विभागीय स्थानांतरण, पदोन्नति, वेतन नियमन के समय वे पिछड सकते है। इसके साथ ही आगे वरिष्ठ प्रबोधक से अग्रीम पदोन्नति में विषय को लेकर परेशानी होगी।