शिक्षा मंत्री ने गिनाई विभाग की उपलब्धियां
प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि देश में राजस्थान ही पहला राज्य हैै, जहां एक साथ एक लाख शिक्षकों को पदोन्नति देने का रिकॉर्ड बनने जा रहा है। इससे प्रदेश में शिक्षकों की कमी 51 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत रह गई हैै। आगामी दिसम्बर माह तक यह कमी 11 प्रतिशत ही रह जाएगी। देवनानी शुक्रवार को एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने जोधपुर आए थे।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि सरकार ने कुछ समय पहले थर्ड ग्रेड के 10700 शिक्षकों को सैैकण्ड ग्रेड में पदोन्नति दी हैै। आगामी 23 से 28 नवम्बर तक काउंसलिग के जरिए पोस्टिंग देंगे। इससे राजस्थान में सैकण्ड ग्रेड टीचर्स की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में अब तक 94 हजार शिक्षकों को पदोन्नति दी गई और आगामी दिनों में 6 हजार और शिक्षकों की पदोन्नति होने से राजस्थान एक लाख शिक्षकों को प्रमोशन देने वाला राज्य बन जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले कभी किसी भी सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में प्रमोशन नहीं किए।
उन्होंने कहा कि अभी रीट के 15 हजार तथा साढ़े 7 हजार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश समेत साढ़े 22 हजार शिक्षकों की पोस्टिंग 31 दिसम्बर से पहले करने वाले हैैं। जिसके आधार पर हम कह सकते हैं कि थर्ड ग्रेड टीचर्स की कमी भी काफी हद तक पूरा कर पाएंगे।
सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण देने की योजना
इस वर्ष आत्मरक्षा के लिए ढाई लाख लड़कियों को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण देने की योजना है। प्रदेश के सभी 13500 सीनियर सैकण्डरी स्कूलों में कम्प्यूटर लैब स्थापना कर देंगे। अभी तक 7 हजार स्कूलों में स्थापित हैै। इससे प्रधानमंत्री काडिजिटल इण्डिया का सपना साकार होगा।
विवेकानंद आदर्श स्कूल शुरू कर दिए
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 186 ब्लॉक में से 134 ब्लॉकों में स्वामी विवेकानंद आदर्श स्कूल शुरू कर दिए गए हंै। इन सरकारी मॉडल स्कूलों में अंग्रेजी पैटर्न की शिक्षा मिल रही है।
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले बहुत जल्द
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों में देरी के सवाल पर देवनानी ने कहा कि इस मामले में बहुत जल्द निर्णय किया जाएगा। यह कार्य अंतिम स्टेज पर हैै। आगामी एक माह के भीतर इसकी शुरुआत होगी।
राजस्थान में बना इतिहास
एक सवाल के जवाब में देवनानी ने कहा कि राजस्थान देशभर में पहला राज्य है, जहां सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ा है। दो साल में 15 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में बढ़े हैं। यह अपने आप में एक नया इतिहास बना है।
देवनानी ने गिनाए अपने कार्यकाल के पांच बड़े काम
1.केन्द्रीय विद्यालयों के समय के बराबर सरकारी स्कूलों का समय पांच घंटे से सवा छह घंटे किया। एक-एक पंचायत में दो स्कूल थे, उनका समानीकरण किया।
2.शिक्षकों को पोस्टिंग के स्थान का चयन करने का मौका काउंसलिंग सिस्टम के जरिए दिया। इ्रससे शिक्षकों को किसी के आगे-पीछे चक्कर काटने नहीं पड़े। इससे उनका मान-सम्मान बढ़ा।
3.सरकार ने पहली बार प्राइमरी स्कूलों में सब्जेक्ट टीचर्स व्यवस्था पर अमल किया। इससे शिक्षा में नए आयाम स्थापित होंगे।
4. प्राथमिक शिक्षा का ढांचा मजबूत करने के लिए कक्षा पांचवी व आठवी बोर्ड की स्थापना की। आठवीं बोर्ड परीक्षा गत वर्ष शुरू कर दी। इस बार से डाइट के जरिए पांचवी बोर्ड की परीक्षा होगी।
5.बालिका शिक्षा प्रोत्साहन के लिए सरकार की ओर से आपणी बेटी योजना, राजश्री योजना, नि:शुल्क साइकिल वितरण, यात्रा भत्ता देने जैसी विभिन्न योजनाएं शुरू की गई है।