शिक्षा में सुधार के लिए शाला सिद्धि अभियान, संस्था प्रधान खुद ही करेंगे मूल्यांकन
जैसलमेर। स्कूलों में सुधार के लिए सरकारें गंभीर है। आए दिन नए नए कार्यक्रम किए जा रहे हैं लेकिन अभी तक स्कूलों की स्थिति में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। पूर्व में रीडिंग कैंपेन संबलन कार्यक्रम इसी उद्देश्य से किए गए ताकि स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारी जा सके। लेकिन इन अभियानों के बाद कोई असर नहीं पड़ा।
इसी क्रम में अब शिक्षा विभाग शाला सिद्धि कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। जिसके तहत स्कूल का संस्था प्रधान ही अपने स्कूल का मूल्यांकन करेगा। जिसके तहत स्कूल की भौतिक स्थिति के साथ साथ शिक्षक,बच्चों शिक्षा की स्थिति का मूल्यांकन होगा।
अबतक होता था बाहरी मूल्यांकन:पूर्वमें जितने भी कार्यक्रम चले जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी,बीईईओ अन्य प्रशासनिक अधिकारी स्कूलों का मूल्यांकन निरीक्षण करके रिपोर्ट तैयार करते थे। लेकिन इस बार शाला सिद्धि कार्यक्रम में एकदम ही अनूठा प्रयास किया जा रहा है और संस्था प्रधान खुद ही अपने स्कूल का मूल्यांकन करेगा।
इस तरह होगा स्कूल का मूल्यांकन
- भौतिक संरचना की उपलब्धता एवं गुणात्मकता,मानव संसाधन एवं शिक्षण अधिगम संसाधन की उपलब्धता कितनी है
- शिक्षण अधिगम तथा आंकलन कितना प्रभावी है
- बच्चों की सीखने में प्रगति एवं उपलब्धि कितनी है और व्यक्तिगत और सामाजिक विकास कैसा है
- अध्यापक कार्य निष्पादन का प्रबंधन और विकास कैसा होता है
- स्कूल का नेतृत्व एवं प्रबंधन कैसा है
- स्कूल कितना समावेशी एवं सुरक्षित है
- समुदाय एवं स्कूल का आपसी संबंध कितना गुणात्मक है
- मूल्यांकन कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य
- विद्यालयों की विविधता के अनुरूप तकनीकी रूप से उपयुक्त अवधारणात्मक रूपरेखा,प्रविधि,मूल्यांकन उपकरण और मूल्यांकन प्रक्रिया का विकास करना।
- स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप स्कूल मूल्यांकन रूपरेखा में बदलाव किया जा सके।
- विद्यालय एवं शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की क्षमताओं का विकास करना ताकि वे स्कूल मूल्यांकन के माध्यम से विद्यालय सुधार के लिए सतत प्रयासरत रहे।
- विद्यालय प्रासंगिक आवश्यकताओं के अनुरूप व्यवस्था में बदलाव लाना,स्कूल मूल्यांकन रिपोर्ट का विश्लेषण करना और उपयुक्त नीतिगत परिवर्तन करना।