कोर्ट नहीं विभागीय अधिकारी ही करेंगे सुनवाई
सरकार ने आदेश दिए है कि जिला स्तर पर उच्चाधिकारी 30 नवम्बर तक अभियान चलाकर कर्मचारियों की सुनेंगे और उनके लम्बित प्रकरणों का समाधान करेंगे। कार्मिक विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए है कि वे विभागीय कर्मचारियों की सेवा संबंधी, स्थानांतरण, पदोन्नति, डीपीसी का आयोजन, वेतन निर्धारण और सेवानिवृत्ति के लाभ सहित विभिन्न प्रकरणों को इस अभियान के दौरान निपटाए। कार्मिक विभाग ने सभी उच्चाधिकारियों और जिला कलेक्टर्स को इस संबंध में कवायद शुरू करने के बाद 14 अक्टूबर को इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजने के निर्देश भी दिए हैं।
कोर्ट में बढ़ते मामलों पर चेती सरकार
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री की जनसुनवाई के दौरान कर्मचारियों के विभाग में लंबित प्रकरणों के मामलों की बढ़ती संख्या और विभागीय स्तर पर राहत नहीं मिलने पर कोर्ट की शरण में जाने के बढ़ते मामलों के बाद राज्य सरकार की ओर से यह अभियान चलाने का निर्णय किया गया है। इस संबंध में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष व जिला व ब्लाक स्तर के अधिकारियों को कार्मिक विभाग की ओर से आगामी 30 नवंबर तक सभी लंबित प्रकरणों को निपटाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार का मानना है कि अभियान में लंबित प्रकरणों का हल निकलने के बाद कार्मिकों की ओर से कोर्ट के वाद में भी कमी आएगी। इससे अधिकारियों और अन्य कार्मिकों को बार-बार कोर्ट में जाने की जरुरत भी नहीं पड़ेगी।