10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के पासिंग मार्क्स में बदलाव का दावा जांच में फर्जी निकला
10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र, उनके अभिभावक और शिक्षक ध्यान पूर्वक इस खबर को पढ़ लें। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर एक झूठ फैलाया जा रहा है। यह झूठ बच्चों को 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में फेल करवा सकता है। वायरल पोस्ट में कहा जा रहा है कि भारत सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं में न्यूनतम पासिंग मार्क्स 33 प्रतिशत से घटाकर 23 प्रतिशत कर दिए हैं। इस पोस्ट के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी लगी हुई है। तथ्यात्मक जांच में यह दावा फर्जी पाया गया है।
प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की तथ्य जांच टीम ने बोर्ड परीक्षा 2021 में उत्तीर्ण प्रतिशत यानी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के पासिंग मार्क्स कम करने के दावे को झूठा करार दिया है। साथ ही सरकार द्वारा ऐसी कोई भी घोषणा किए जाने की बात का खंडन किया है। पीआईबी तथ्य जांच टीम ने बुधवार को एक ट्वीट के माध्यम से कहा है कि सोशल मीडिया में वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। भारत सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं में न्यूनतम पासिंग मार्क्स 33 प्रतिशत की अनिवार्यता में कोई बदलाव नहीं किया है।
बता दें कि शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के तहत कोरोना महामारी के कारण छात्रों और शिक्षकों के सामने आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए इस साल के लिए सीबीएसई और कई राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा अपने सिलेबस को 30 प्रतिशत तक कम किया गया है। साथ ही जेईई मेन और जेईई एडवांस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए 12वीं बोर्ड में न्यूनतम 75 प्रतिशत मार्क्स लाने की अनिवार्यता खत्म की गई है।