फैमिली ने नर्सरी में छुड़वा दी थी पढ़ाई
उदयपुर। ये हैं नगर निगम वार्ड 44 की निर्दलीय पार्षद नजमा मेवाफरोश। उम्र 52 वर्ष। पढ़ाई के प्रति इनका लगाव और जुनून ही है कि घरवालों की लाख पाबंदियों और वर्षों तक स्कूल छूट जाने के बाद भी वह अब 12वीं की परीक्षा देने जाएंगी। बचपन में कुछ दिन ही स्कूल गई थी कि घरवालों ने स्कूल जाना बंद करा दिया। क्योंकि नजमा को स्कूल में डांस क्लासेस अच्छी लगती थी और वह घर आकर कभी-कभी डांस के स्टेप किया करती थी। ये बात नजमा के घरवालों को रास नहीं आई और उन्होंने उसकी पढ़ाई छुड़वा दी।
ये कहना था घर वालों का…
– नजमा ने बताया कि उनसे कहा गया कि वह अब सिर्फ घर का काम करे। घरवालों ने तो पाबंदी लगा दी लेकिन नजमा में पढ़ाई का मोह कम नहीं हुआ। वह चोरी-छिपे पड़ोस की स्कूल जाने वाली सहेलियों की किताबें घर लाकर पढ़ती रही और 10 वर्ष की उम्र तक 5वीं तक की पढ़ाई कर ली। उसने घरवालों को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। वह कभी कभार स्कूल जाने के साथ परीक्षा देने जाती। 13 वर्ष की हुई तो घरवालों ने शादी कर दी। बच्चे हुए फिर घर-परिवार की जिम्मेदारी बढ़ गई और पढ़ाई पर ब्रेक लग गई। कुछ साल बाद नजमा ने सिलाई-बुनाई करने के साथ दोबारा पढ़ाई शुरू की। 1997 में अपने छोटे बेटे के साथ ओपन से 10वीं का पेपर दिया। हालांकि सप्लीमेंट्री आने से पास नहीं हो सकी। 52 वर्ष की उम्र में नजमा अब 12वीं की परीक्षा देेने जा रही है। 5 अप्रैल से उसकी परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। नजमा उन महिलाओं के लिए मिसाल है जो किसी के दबाव में आकर पढ़ाई छोड़ देती हैं।
अब अपने पोतों को भी पढ़ाती है और खुद भी पढ़ती
खास बात ये है कि नजमा के बेटे की भी शादी हो चुकी है और नजमा आज अपने पोते के साथ पढ़ाई भी करती हैं। वह बताती हैं कि मेरे थोड़ा-बहुत पढ़ पाने का फायदा ये हुआ है कि आज वह अपने पोते को अच्छी तरह पढ़ा पाती हैं। फिलहाल नजमा अपनी परीक्षा की तैयारी में लगी हुई हैं और घर के सारे काम काज निपटाने के बाद भी हर दिन 8 घंटे पढ़ाई करती हैं। जब नजमा की पढ़ाई घरवालों ने बंद करा दी थी तो उसने सिलाई का काम सीख लिया। आज नजमा का खुद का बुटिक सेंटर है जिससे अच्छी कमाई भी कर लेती है। अब पीजी करने की ठानी है, महिलाओं में जगाएंगी पढ़ने की अलख। नजमा ने बताया कि वह 12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन भी करना चाहती हैं। वह ऐसी महिलाओं के लिए मुहिम भी शुरू कर रही हैं जो पढ़ना चाहती हैं लेकिन किसी कारण वह नहीं पढ़ पा रही हैं। वह घर-घर जाकर ऐसी महिलाओं से मिल रही हैं और पढ़ाई के लिए जागृत कर रही हैं। …तय किया था कि किसी तरह तो 12वीं तक पढ़ना ही है। नजमा ने बताया कि घरवालों ने जब मेरी पढ़ाई छुड़ा दी थी तो मुझे काफी बुरा लगा। मैं सोचती रहती थी कि मेरे साथ गलत हो रहा है। फिर मैंने चोरी-छिपे पढ़ाई शुरू की और तय किया कि कम से कम 10वीं तक की पढ़ाई तो करूंगी ही। एक बार 10वीं फेल हो गई फिर पढ़ाई रुक गई। फिर 20 साल बाद 2017 में दोबारा 10वीं की परीक्षा दी और पास हो गई।