8वीं बोर्ड में D ग्रेड तो संस्था प्रधान और शिक्षक पर होगी कार्रवाई
8वीं बोर्ड परीक्षा में D ग्रेड लाने वाले स्कूलों के संस्था प्रधानों एवं संबंधित विषयाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रारंभिक चरण में इनको नोटिस दिए जाएंगे। अभी ऐसे स्कूलों की सूची बनाने का काम चल रहा है। अभी तक इस तरह के 200 स्कूल तो सामने चुके हैं।
सरकारी स्कूलों में पिछले सत्र में प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र आठवीं बोर्ड अनिवार्य की गई थी। परीक्षा के जरिए स्कूलों के शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन भी हो गया। अब आठवीं बोर्ड को लेकर विभाग और सख्त हो गया है। अब यह सर्च किया जा रहा है कि जिले में कौनसा स्कूल किस ग्रेड में रहा। विशेषकर डी ग्रेड में कितने स्कूल आए। किन कारणों से इनका रिजल्ट खराब रहा। जिस स्कूल में 40 फीसदी से अधिक बच्चों की डी ग्रेड आई है ऐसे स्कूलों का चयन किया जा रहा है।
दरअसल निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षा विभाग का अब पूरा फोकस गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर है। इसी को लेकर स्कूलों में बेहतर पढ़ाई हाे सके इसके प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले शिक्षा सत्र में आठवीं को बोर्ड का दर्जा दे दिया गया था। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से इसकी परीक्षा भी आयोजित हुई। अब इसके रिजल्ट के आधार पर ही स्कूलों में पढ़ाई का आंकलन किया जा रहा है।
इस साल परीक्षा में प्राइवेट स्कूल भी लेंगे भाग:आठवींबोर्ड परीक्षा के फार्म संबंधित ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कराने होंगे। इस बार परीक्षा में प्राइवेट स्कूलों काे भी भाग लेना होगा। आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। संबंधित स्कूल अपने स्तर पर आवेदन पत्र भरवाकर ऑनलाइन करें इसके बाद हार्ड कॉपी बीईईओ कार्यालय में जमा करानी होगी।
विषय का रिजल्ट बिगड़ा तो विषयाध्यापक होंगे जिम्मेदार
आठवींबोर्ड के रिजल्ट में विषयवार पढ़ाई का स्तर भी देखा जा रहा है। इसमें देखा जा रहा है कि यदि संबंधित विषय का रिजल्ट बिगड़ा तो उस विषय का शिक्षक जिम्मेदार है। इसी को आधार बनाकर संबंधित विषयाध्यापक पर भी कार्रवाई होगी।
आठवीं बोर्ड में 40 फीसदी से ज्यादा बच्चों के डी ग्रेड आई है तो संबंधित संस्था प्रधानों को नोटिस देकर जवाब पूछा जाएगा। अभी इसके लिए रिजल्ट की सूची बनाने का काम डाइट में चल रहा है।
हरिशंकर शर्मा,एडीईओ प्रारंभिक शिक्षा