बाल गंगाधर तिलक को बताया ‘आतंकवाद का जनक’

जयपुर। राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त अंग्रेजी माध्यम के निजी विद्यालयों में आठवीं कक्षा की किताब में बाल गंगाधर तिलक को ‘आतंकवाद का जनक’ बताया जा रहा है। किताब की पेज संख्या 267 पर 22वें अध्याय में तिलक के बारे में लिखा गया है कि उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन का रास्ता दिखाया था, इसलिए उन्हें ‘आतंकवाद का जनक’ कहा जाता है।

आठवीं तक की किताबों की जिम्मेदारी एसआईईआरटी की

– प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक का पाठ्यक्रम एसआईईआरटी तैयार करता है। सैकंडरी से सीनियर सैकंडरी स्तर तक का कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम का निर्धारण राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के जिम्मे है। इन किताबों का प्रकाशन राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल करवाता है।

पद्मावती मामले में भी विवाद सामने आ चुके हैं

राजस्थान में पिछले 15 साल में ऐसे 4 मौके पहले भी आ चुके हैं जब राज्य का स्कूली पाठ्यक्रम बदल दिया गया है। हालत यह है कि देश में सर्वाधिक प्रतिष्ठित और सर्वमान्य माने जाने वाले एनसीआरटी के पाठ्यक्रम पर छपी किताबों को भी सरकार बदलने के साथ ही बदल दिया गया। राजस्थान बोर्ड की प्रकाशित किताबों में बहुचर्चित पद्मावती प्रकरण से संबंधित विषयवस्तु को लेकर भी विवाद सामने आ चुके हैं।

राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर वायरल से बचने के लिए उठाया यह बड़ा कदम

बांसवाड़ा। प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में एक के बाद एक नकल व प्रश्नपत्र आउट तथा वायरल होने के मामले सामने आने के बाद पीटीईटी व बीएबीएड व बीएससी बीएड परीक्षा का जिम्मा संभाल रहे एमडीएस विश्वविद्यालय ने सुरक्षा प्रबंध और सख्त करने का निर्णय किया है। इसके तहत परीक्षा केन्द्रों पर मोबाइल प्रतिबंध कर दिया है। परीक्षार्थियों के लिए निर्देश के बाद अब वीक्षक, कर्मचारी व अधिकारियों को भी परीक्षा केन्द्र पर मोबाइल लाने पर रोक लगा दी गई है। पीटीईटी समन्वयक ने जिला समन्वयकों को परीक्षा केन्द्रों पर मोबाइल का उपयोग नहीं करने के लिए पर्यवेक्षकों एव केन्द्राधीक्षकों को निर्देश जारी करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न बीएसटीसी में आंसर की वायरल होने को लेकर चार वीक्षकों के नाम सामने आए। इसके बाद यह निर्णय किया गया। पत्र में बताया कि परीक्षा प्रारंभ होने से पूर्व केन्द्र पर प्रश्न पत्र पैकेट खोलने के दौरान केन्द्र पर्यवेक्षक एवं केन्द्राधीक्षक सहित किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के पास मोबाइल नहीं होना चाहिए। परीक्षा के दौरान भी मात्र केन्द्र पर्यवेक्षक एवं केन्द्राधीक्षक ही विशेष कार्य तथा सूचनाओं के लिए मोबाइल का प्रयोग कर सकेंगे। कर्मचारी/अधिकारी एवं वीक्षक मोबाइल लेकर परीक्षा केन्द्र में प्रवेश ही नहीं कर सकेंगे। प्रदेश में उठाए गए इस कदम से काफी सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

निर्देश दिए हैं

परीक्षा केन्द्रों पर मोबाइल लाने से कई प्रकार की परेशानियां उपजती हैं। वीक्षकों को मोबाइल लाने की अनुमति नहीं है। इस पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। कर्मचारी व अन्य अधिकारियों को भी मोबाइल केन्द्र पर लाने से रोका जाएगा।

-प्रो. बीपी सारस्वत, समन्वयक, पीटीईटी 2018, एमडीएस विवि, अजमेर