बच्चे नहीं देख सकेंगे अश्लील साइट्स

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स्कूली कंप्यूटर्स में लगेगी फायर वॉल डिवाइस

आयु के अनुसार ही चुनिंदा वेबसाइटस के उपयोग की अनुमति दी जाएगी

जयपुर। स्कूली बच्चों के इंटरनेट प्रयोग पर अब विभाग पूरी निगरानी रखेगा। प्रदेशभर के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे (Children) अब इंटरनेट पर अश्लील साइटस नहीं देख सकेंगे। शिक्षा विभाग इसके लिए सख्त हो गया है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इंटरनेट के जरिए खेले जाने वाले खेलों पर भी अब विशेष निगरानी रखी जाएगी। सरकार और शिक्षा विभाग का मानना है कि विद्यार्थी इंटरनेट का उपयोग बिना जागरुकता के करते हैं, जिससे कई बार वे अवैध गतिविधियों जैसे साइबर धमकी, फ्रॉड व गंभीर स्थितियों का शिकार हो सकते हैं। इसी वजह से विभाग अब स्कूल स्तर पर ही विद्यार्थियों द्वारा इनके उपयोग के प्रभावी कार्रवाइ कर रहा है।

सॉफटवेयर किए जाएंगे इंस्टॉल

विद्यार्थियों को इंटरनेट के सुरक्षित व प्रभावी उपयोग के लिए शिक्षित किया जाएगा। सभी कम्प्यूटर्स में फायरवॉल्स फिल्टिरिंग की जाएगी। इसके साथ ही मॉनिटरिंग के लिए सॉफटवेयर भी इंस्टॉल किए जाएंगे। फिल्टिरिंग और ब्लॉकिंग प्रणालियों की लगातार समीक्षा की जाएगी। इंटरनेट पर उपलब्ध अवांछित सामग्री को ब्लॉक किया जाएगा। पैरेन्टल कंट्रोल फिल्टर्स कम्प्यूटर का उपयोग किया जाएगा। स्कूलों में डिजिटल निगरानी प्रणाली का उपयोग किया जाए। फिल्टरिंग व्यवस्था को भेदकर यदि कोई विद्यार्थी या शिक्षक अनुचित तरीके से अवैध सामग्री देखते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कम्प्यूटर भी इस तरह रखे जाएंगे, जिससे हर विद्यार्थी का पता चल सके की वह क्या देख रहा है। विद्यार्थियों की आयु के अनुसार ही उन्हें चुनिंदा वेबसाइटस के उपयोग की अनुमति दी जाएगी। अभिभावकों, शिक्षकों व स्कूल के दूसरे स्टाफ को भी इंटरनेट सुरक्षा मानकों के प्रति जागरूक किया जाएगा।

कई साइट की ब्लॉक

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने अश्लील सामग्री परोसने वाली करीब 2 हजार से अधिक वेबसाइटस को ब्लॉक भी कर रखा है। खासकर चाइल्ड पोर्नोगाफी से जुड़ी वेबसाइटस को ब्लॉक किया गया। इसके साथ ही बच्चों से जुड़े कई गेम्स को भी सरकार ने ब्लॉक किया है। ये ऐसे गेम थे जो बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रहे थे।