पाठ्य पुस्तकें नदारद, प्रवेशोत्सव की कवायद
मई माह केे अंत तक होगा वितरण
प्रतापगढ़। नया सत्र की शुरुआत हो गई है। गांव-गांव, ढाणी-ढाणी प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर के सभी स्कूलों में राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग के निर्देर्शो के तहत प्रवेशोत्सव की प्रक्रिया जोर-शोर से चल रही है। इसके चलते स्कूलों में नवप्रवेशियों का नामांकन किया जा रहा है। लेकिन यह प्रवेशोत्सव नवप्रवेशी बच्चों को केवल फूल मालाओं और तिलक तक के स्वागत तक ही सीमित रह गया है। क्योंकि स्कूलों में बच्चों को अब तक पाठ्य पुस्तक वितरित नहीं की गई है। इसके चलते बच्चे घर पर नहीं वरन स्कूल में मौज मस्ती कर लौट रहे है। जानकारी के मुताबिक राजस्थान राज्य पुस्तक वितरण केन्द्र पर अब तक पुस्तकें नहीं पहुंची ही नहीं है। जबकि गत वर्षो की बात की जाए तो ये पुस्तके दिसम्बर-जनवरी के मध्य तक पहुंच जाया करती थी। जिनका वितरण फरवरी और मार्च माह तक किया जाता रहा है। जबकि विभागीय निर्देश अनुसार कक्षा 5, 8 , 10 वी बोर्ड परीक्षा के तुरन्त बाद अगली कक्षा में अस्थाई प्रवेश कर अध्यापन कार्य प्रारम्भ किया जाना था। लेकिन सरकार की ये मंशा अधूरी रह गई।
हां, हुई है देरी
जैसे ही पुस्तकें आएंगी। वैसे ही वितरित कर दी जाएंगी। अबकी बार ही देरी हुई है। अमुमन दिसम्बर तक डिपो पर पुस्तकें पहुंच जाया करती हैं। जिनका हम फरवरी में वितरण कर देते हैं। विभागीय जानकारी अनुसार सम्भवत: मई माह केे दरम्यान पुस्तकें डिपो पर पहुंच जाएगी। जिनका तुरंत वितरण किया जएगा।
-विजयपाल रोत, प्रबंधक, राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक वितरण केन्द्र प्रतापगढ़
नहीं आई हैं पुस्तकें
समय से डिमाण्ड बनाकर भेजी गई थी। राज्य भर में पुस्तकें डिपो पर अब तक नहीं पहुंची है। कोई तकनीकी कारण हो सकता है। उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। सम्भवत: मई के अंत तक सभी विद्यालयों में पुस्तकों का वितरण कर दिया जाएगा
-रामप्रसाद चर्मकार, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक
अधिशेष शिक्षकों के वेतन स्वीकृति आदेश जारी
बांसवाड़ा। संस्कृत शिक्षा विभाग के विद्यालयों में कार्यरत अधिशेष शिक्षकों को पिछले 2 माह से वेतन भुगतान नहीं होने के कारण कई आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इन शिक्षकों के वेतन स्वीकृति के आदेश जारी कर दिए गए हैं। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय नगर शाखा के अध्यक्ष वनेश्वर गर्ग ने यह जानकारी दी।
40 स्कूलों में पुस्तकालय के लिए मिली पुस्तकें, बेटियों को मिली स्कूटी-लैपटॉप
बांसवाड़ा। स्कूलों में पुस्तकालयों के लिए विधायक मद से पुस्तकें वितरित करने राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल जेठाणा में समारोह हुआ। मुख्य अतिथि विधायक अनिता कटारा ने कहा कि शिक्षक व विद्यार्थी का मूल आधार पुस्तकें हैं। इसलिए स्कूल में पुस्तकालय जितना संपन्न होगा, उतना ही विद्यार्थियों का ज्ञान भी प्रबल होगा। उन्होंने कहा कि समय की मर्यादा का पालन शिक्षा विभाग में अहम होता है। जिसकी पालना करने की अपेक्षा समाज को भी होती है। विधायक कटारा ने कम्प्यूटर से वंचित स्कूलों को क्लिक योजना से जोड़ने के लिए आवश्यक 75 हजार रुपए की राशि ऐसे हर स्कूल को उपलब्ध कराने की घोषणा की। साथ ही स्कूलों को अलमारी व फर्नीचर के लिए भी सहयोग करने का आश्वासन दिया। डीईओ अनोपसिंह सिसोदिया ने नवक्रमोन्नत स्कूलों को भौतिक संसाधन उपलब्ध करवाने एवं रिक्त पदों को भरने की मांग रखी। विशिष्ट अतिथि सरपंच जानीदेवी, नरेंद्र पंड्या , पूर्व डीईओ नवनीत व्यास, किसान संघ जिलाध्यक्ष देवेंग पाटीदार, वाकपीठ सचिव सुरेश मेहता ने संबोधित किया। आयोजक स्कूल के संस्थाप्रधान जगदीश पंड्या ने स्वागत उदबोधन देते हुए उपलब्धियां बताई। समारोह में 40 स्कूलों को प्रति स्कूल 61 हजार रुपए की पुस्तकें दी गई। वहीं सात बालिकाओं को लेपटॉप, तीन बालिकाओं को स्कूटी व पांच बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार मिलने पर सम्मानित किया गया। संचालन मोतीराम भट्ट ने किया। आभार राजेंद्र व्यास ने जताया।