सीएसजेएमयू में सामने आया शिक्षकों का फर्जीवाड़ा, पकड़े गए 66 शिक्षक
सीएसजेएमयू बुंदेलखंड विवि झांसी व राम मनोहर लोहिया अवध विवि में शिक्षकों ने अनुमोदन करा रखा है। इस तरह एक शिक्षक तीन विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं। विवि ने कॉलेज प्रबंधन को नोटिस जारी करके शिक्षकों पर कार्रवाई के दिए निर्देश हैं।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के साथ प्रदेश के दो अन्य विश्वविद्यालयों से संबद्ध डिग्री कॉलेजों में भी पढ़ा रहे 66 शिक्षकों का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इन्होंने सीएसजेएमयू के साथ बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी और राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या में भी अनुमोदन करा रखा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन डिग्री कॉलेजों को जारी नोटिस में संबंधित शिक्षकों को चिह्नित करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
शिकायतकर्ता की सूचना से सामने आया खेल
यह मामला सीएसजेएमयू के जनसुनवाई समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली में एक शिकायतकर्ता जेपी सिंह की ओर से दी गई सूचना से सामने आया है। उन्होंने कानपुर नगर, कानपुर देहात के साथ ही झांसी, जालौन, आंबेडकरनगर, बांदा, चित्रकूट और हमीरपुर समेत दूसरे शहरों में संचालित डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के अनुमोदन की सूची दी है। यह शिक्षक दो से तीन अलग-अलग विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं। अब विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
बता दें, अवध विश्वविद्यालय अयोध्या ने भी पिछले वर्ष सीएसजेएमयू के पास ऐसे 250 शिक्षकों की सूची भेजी थी, जो वहां के साथ सीएसजेएमयू के डिग्री कॉलेजों में पढ़ाने के लिए भी अनुमोदित थे। कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे शिक्षकों की सूची बनाकर कॉलेजों को नोटिस जारी की जा रही हैं।
इंटरव्यू कराने पर मिलती है मोटी रकम
धांधली रोकने को बन रहा सॉफ्टवेयर
सीएसजेएमयू के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि राज्य सरकार एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनवा रही है, जिससे ऐसे शिक्षक कई कॉलेजों में अनुमोदन नहीं करा पाएंगे। केंद्रीयकृत व्यवस्था के अंतर्गत एक बार अनुमोदन के बाद जब दोबारा कहीं अनुमोदन कराने जाएंगे तो उनका ब्योरा कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगा।