शिक्षामंत्री की घोषणा के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी द्वितीय की नहीं मिली स्वीकृति

vasudev devnani

देवनानी ने बाड़मेर प्रवास के दौरान कहा था-जल्दी होगा अमल, अब तक इंतजार

बाड़मेर। शिक्षामंत्री ने बाड़मेर की भौगोलिक परिस्थिति और विद्यालयों की संख्या के कारण यहां जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा के दो पद स्वीकृत करने की घोषणा तो की पर दो साल बाद भी इस पर अमल नहीं हो पाया है। जिले का क्षेत्रफल 28 हजार 387 वर्ग किमी है। प्रदेश का दूसरा बड़ा जिला है, इसमें 11 उपखण्ड कार्यालय और 14 तहसीलें हैं। 17 पंचायत समितियों की 489 ग्राम पंचायतों व 2 नगरपरिषद क्षेत्र में फैल जिले में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा का एक ही कार्यालय है। इस कार्यालय क्षेत्र के अधीन राउमावि 422, माध्यमिक विद्यालय 154, मान्यता प्राप्त उमावि 206, मावि 40 कुल 822 विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों में 333258 नामांकन है। एेसे में भौगोलिक स्थिति, क्षेत्रफल एवं विद्यालयों की तादाद को देखते हुए मॉनिटरिंग की दृष्टि से जिला शिक्षा अधिकारी द्वितीय कार्यालय जरूरी है।

शिक्षा मंत्री का वादा, आज भी अधूरा

करीब दो साल पहले शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के यहां प्रवास के दौरान कर्मचारी संगठनों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उन्हें स्थिति से अवगत करवाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा द्वितीय की जरूरत बताई। खुद मंत्री ने इस बात को माना और सार्वजनिक मंच से घोषणा भी की कि जिले में जल्दी ही जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक द्वितीय की स्वीकृति हो जाएगी। उस घोषणा को पूरा होने का अभी भी इंतजार ही है।

पहले से अब स्थिति जुदा

पूर्व में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय माध्यमिक शिक्षा के तहत 178 विद्यालय ही आते थे। तब स्टाफ भी उस वक्त की स्थिति को देखते हुए पर्याप्त था, लेकिन अब विद्यालयों की संख्या लगभग सात गुना तक बढ़ गई हैं। दूसरी ओर स्टाफ बढऩे की जगह कम हुआ है। एेसे में सभी विद्यालयों पर प्रभावी मॉनिटरिंग मुश्किल हो गई है। कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों के पास भी दो-तीन शाखाओं का काम होने से कार्यभार ज्यादा हो गया है। पीईईओ पद्धति ने माध्यमिक शिक्षा के जिम्मे प्राथमिक शिक्षा का कार्य भी दे दिया है, जिसकी मॉनिटरिंग भी जरूरी है।