उदयपुर। शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर में डीपीसी के तहत सभी मण्डलों में सत्र 2018-19 की तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी में शिक्षक पदोन्नति (promotion) की पूरी तैयारी कर रखी है, लेकिन उदयपुर मण्डल की स्थायी पात्रता सूची अभी तक तैयार नहीं की गई है। जबकि उदयपुर उपनिदेशक माध्यमिक सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सत्र 2012-13 के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची कई बार मांग चुके हैं। बावजूद इसके एक भी जिला शिक्षा अधिकारी ने डीपीसी उपलब्ध नहीं कराई है। राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेरसिंह चौहान ने उपनिदेशक माध्यमिक भरत मेहता से सत्र 2017-18 की सामान्य, सामाजिक विज्ञान और शारीरिक शिक्षकों की शेष डीपीसी के तहत जल्दी पदोन्नति करवाने की मांग की है। वरिष्ठता में गणित व विज्ञान विषय के 2012-13 में भर्ती शिक्षकों के नाम वरिष्ठता सूची में नहीं जोड़े गए हैं। जो पदोन्नति से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में कई विद्यालयों में द्वितीय श्रेणी के रिक्त पद नहीं भर पाने से छात्रों को पढ़ने में परेशानी होगी। वहीं उपनिदेशक माध्यमिक भरत मेहता ने कहा- सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को बुधवार तक डीपीसी भेजने का समय दिया है, जो देंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को विभाग के डायरेक्टर नथमल डिडेल चित्तौड़गढ़ में बैठक लेकर इस बिंदु पर चर्चा करेंगे।
कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने जारी किया ये आदेश, कहा.. कॉलेज में कक्षाएं चलाओ और क्लास टेस्ट भी लो
कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने जारी आदेश में कहा कि सभी कॉलेजों के प्राचार्य नियमित निरीक्षण कर कक्षाओं का संचालन सुनिश्िचत करें
उदयपुर। जिन विश्वविद्यालयों के अन्तर्गत कॉलेजों में सेमेस्टर प्रणाली लागू है, उनमें नियमित कक्षाएं चलानी होंगी और क्लास टेस्ट भी लेना होगा। साथ ही विद्यार्थियों के उन्नयन के लिए गत दस वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करवाना होगा। कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने जारी आदेश में कहा कि सभी कॉलेजों के प्राचार्य नियमित निरीक्षण कर कक्षाओं का संचालन सुनिश्िचत करें। कक्षाओं में विद्यार्थियों को पढ़ाया या समझाया जाए कि द्विपक्षीय संवाद करें ताकि उनकी तर्क शक्ति को बल मिलेगा।टेस्ट में पूछे गए मानक उत्तरों की फोटो प्रतिलिपि उपलब्ध करवाकर स्वयं आकलन करें। इसके लिए विद्यार्थी को प्रोत्साहित करना होगा।
अकादमिक समस्याओं का समाधान हो
अकादमिक समस्याओं के तत्काल समाधान के लिए प्रत्येक विद्यार्थी को राहत मिलनी चाहिए। यदि कोई विद्यार्थी शिक्षण में किसी समस्या का सामना कर रहा है तो उसे तत्काल सहायता देने के आयुक्त एटी पेडणेकर ने आदेश जारी कर पूरी प्रक्रिया की तत्काल रिपोर्ट सभी प्राचार्यों से मांगी है।