ड्रॉपआउट बच्चों को स्कूल से जोडऩे पर देंगे जोर, प्रवेशोत्सव में होंगे प्रयास

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जिला मुख्यालय पर स्थापित होगा नियंत्रण कक्ष

बांसवाड़ा। राजकीय विद्यालयों में अधिकाधिक नामांकन कराने के साथ ही एक बार स्कूल से जुडऩे के बाद विभिन्न कारणों से शिक्षा से दूर हुए बच्चों को इस बार प्रवेशोत्सव अभियान में जोडऩे पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके लिए जिला मुख्यालय पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नियंत्रण कक्ष भी स्थापित होगा। शैक्षिक सत्र 2018-19 में प्रवेशोत्सव दो चरणों में आरंभ होगा। पहला चरण 26 अप्रेल से 9 मई तक और दूसरा चरण 19 जून से 3 जुलाई तक चलेगा। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आंगनवाड़ी और स्कूल जाने योग्य बच्चा अनामांकित नहीं रहे। अनामांकित और ड्रॉपआउट  (Dropout) बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहे, इसकी प्रभावी निगरानी के लिए जिला स्तर से लेकर निदेशालय तक 23 अप्रेल से नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। साथ ही हाउस होल्ड सर्वे के दौरान चिह्नित आउट ऑफ स्कूल बच्चों को विशेष शिक्षण कराकर आयु अनुरूप कक्षा में प्रवेश दिलाया जाएगा।

कारण भी जानेंगे

प्रवेशोत्सव दो चरणों में विद्यालय से दूर होने वाले बच्चों के बारे में अभियान के दौरान विशेष पड़ताल की जाएगी। पांच से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों के विद्यालय से नहीं जुड़ पाने, ड्रॉप आउट होने के कारणों की भी जांच की जाएगी। ऐसे बच्चे पाए जाने पर अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें स्कूल से जोड़ा जाएगा।

आधार, भामाशाह नंबर भी जरूरी

प्रवेशोत्सव के तहत नव प्रवेशित और गत सत्र में अध्ययनरत बच्चों के आधार और भामाशाह नामांकन लिए जाएंगे और विद्यार्थियों के बैंक खातों को इससे जोड़ा जाएगा।

शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी होंगे प्रभारी

प्रारंभिक और माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में स्थापित होने वाले नियंत्रण कक्ष के प्रभारी शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी होंगे। इन्हें प्रतिदिन विद्यालयों से नामांकन और नव प्रवेश की सूचना एकत्र कर गूगल शीट पर निर्धारित प्रपत्र में ऑनलाइन भेजनी होगी।