अब शुरू हुआ विरोध
जयपुर। शिक्षा (Education Minister’s) राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने शिक्षकों की समस्याएं सुनने के लिए 19 अप्रैल को सचिवालय में शिक्षक संगठनों को बुलाया था। इसमें एक शिक्षक संगठन के पदाधिकारी के रूप में रिश्वत का आरोपी शिक्षक भी वार्ता में शामिल हो गया। अब इस मामले पर बवाल मच गया है। दूसरे संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। संगठनों का कहना है कि एक तरफ से शिक्षामंत्री रिश्वत के आरोपी शिक्षक से वार्ता करते हैं दूसरी तरफ शिक्षक संगठनों से भेदभाव करते हैं और सबको वार्ता के लिए नहीं बुलाया जाता।
– अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष रामकृष्ण अग्रवाल का कहना है कि सरकार रिश्वत के आरोपी शिक्षक को वार्ता में शामिल करके क्या संदेश देना चाहती है। इससे जिस शिक्षक को चौमूं के एक स्कूल में हेडमास्टर रहते बीएड प्रशिक्षणार्थियों से उपस्थिति प्रमाण पत्र देने के बदले रिश्वत लेते एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ा था उस शिक्षक को वार्ता में क्यों बुलाया गया। वे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से भी इस मामले की शिकायत करेंगे और मांग करेंगे कि रिश्वत के आरोपी शिक्षक को वार्ता में बुलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
– राजस्थान शिक्षक संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक रामस्वरूप चतुर्वेदी का कहना है कि शिक्षक संगठनों से भेदभाव करने और ऐसे शिक्षक को बुलाने से लगता है कि शिक्षामंत्री की कथनी और करनी में अंतर है। वे उस शिक्षक संगठन के दबाव में काम करते हैं।
सैकंडरी स्कूलों को बची पुस्तकों की नीलामी 30 जून तक करनी होगी
उदयपुर। प्रदेश के सरकारी सैकंडरी और सीनियर सैकंडरी स्कूलों में नि:शुल्क वितरण की जो पुस्तकें बच गई हैं उन्हें नियमानुसार नीलाम करना होगा। ऐसी पाठ्य पुस्तकों को भी नीलाम किया जाएगा, जिनका कोर्स बदलने के कारण कोई उपयोग नहीं रहा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि निर्धारित प्रक्रिया के तहत अनुपयोगी पाठ्य पुस्तकों की नीलामी 30 जून तक कर दें। नीलामी से प्राप्त राशि राजकोष में जमा कराने की सूचना 7 जुलाई तक निदेशालय भेजनी होगी।