आठ हजार पंचायत सहायकों को 10 माह से मानदेय ही नहीं

Education Shiksha Vibhag

नौकरी के लिए लगातार आंदोलन कर रहे विद्यार्थी मित्रों को राहत देने के लिए पिछले साल सरकार ने उन्हें ग्राम पंचायत सहायक के पद पर 6 हजार रुपए मासिक मानदेय के आधार पर एक साल के लिए लगाया था। उन्हें लगे 10 माह बीत चुके हैं, लेकिन प्रशासनिक खींचतान के चलते उनको मानदेय देने की स्थाई व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है। हालात यह हैं कि प्रदेश में करीब 8 हजार पंचायत सहायकों को नियुक्ति के बाद से ही मानदेय नहीं मिला है, जबकि शेष 16 हजार पंचायत सहायकों में से अधिकांश को 2 से 7 माह तक के मानदेय का ही भुगतान हुआ है। ऐसे पंचायत सहायकों की संख्या बहुत कम है जिनको नियमित मानदेय मिल रहा है। सरकार ने पिछले साल 24 हजार पंचायत सहायकों को ग्राम पंचायतों में लगाया था। मई 2017 में पहली बार इन्होंने ज्वाॅइन किया था। मई 2018 में इनको पूरा एक साल हो जाएगा।

24 हजार पंचायत सहायकों की हुई थी नियुक्ति

सरकार ने 27 हजार पंचायत सहायक लगाने की योजना बनाई थी। साक्षात्कार के जरिए इनके चयन के लिए पिछले साल फरवरी में पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) के जरिए आवेदन लिए थे और स्कूल की एसडीएमसी की बैठक में साक्षात्कार के जरिए पंचायत सहायक के पद पर चयन किया गया था। पंचायत सहायक के रूप में अधिकतर पंचायतों में विद्यार्थी मित्रों का ही चयन हुआ था। प्रदेशभर में करीब 24 हजार पंचायत सहायकों को चयन के बाद मई 2017 में एक साल के लिए नियुक्ति मिल गई थी। शेष 3 हजार पंचायत सहायकों का चयन अभी भी अटका हुआ है।

सरपंच और पीईईओ की आपसी खींचतान में अटका है मानदेय भुगतान

सरकार ने पंचायत सहायकों को ग्राम पंचायतों के खाते से मानदेय देने का प्रावधान रखा था, लेकिन नियुक्ति के पश्चात ग्राम पंचायत सहायकों का कार्यस्थल पीईईओ के अधीन कर दिया गया। इससे नाराज सरपंच एवं ग्राम सेवकों ने ग्राम पंचायत सहायकों को मानदेय देने से इंकार कर दिया। सरपंच और पीईईओ की आपसी खींचतान के कारण ही अधिकांश पंचायत सहायक आज तक मानदेय को तरस रहे हैं। सरकार को इस मामले की कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

जल्द ही 2 हजार पंचायत सहायक की और होनी है नियुक्ति

सरकार ने पंचायत सहायकों को एक साल की अवधि के लिए लगाया था। बचे हुए 3 हजार पदों में से करीब दो हजार पदों पर पंचायत सहायक लगाने के लिए 3 अप्रैल को एसडीएमसी की बैठक होगी। इस दौरान चयनित होने वाले पंचायत सहायकों के कार्यकाल को लेकर असमंजस बना हुआ है। कि इनको कितनी अवधि के लिए लगाया जाएगा। साथ ही जिन पंचायत सहायकों को लगे मई में एक साल पूरा हो जाएगा। उनके कार्यकाल को लेकर सरकार ने अभी कोई स्पष्ट दिशा निर्देश जारी नहीं किए हैं।

अधिकांश पंचायत सहायक पूरे मानदेय को तरस रहे हैं। आठ हजार को तो अब तक एक भी महीने का मानदेय नहीं मिला है। सरकार को मानदेय समय पर देने और कार्यकाल को बढ़ाने के आदेश जल्दी जारी करने चाहिए।

-अशोक सिहाग, प्रदेश महामंत्री, विद्यार्थी मित्र शिक्षक संघ

मेरे पास सुवानिया में पंचायत सहायकों को मानदेय नहीं मिलने की शिकायत आई थी। सरपंच और सचिव को बुलाकर भुगतान करने के निर्देश जारी कर दिए थे। अगर कहीं से इस प्रकार की शिकायत और आई तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

-नेतराम, बीडीओ, नैनवा (बूंदी)

पिछले महीने ही कई पंचायत सहायकों को तीन-चार महीने का मानदेय दिया था। फिर बजट के अभाव में कई रह गए थे। उन्हें भी जल्दी ही भुगतान कर दिया जाएगा।

बीरबल, बीडीओ, रियाबडी (नागौर)