निजी स्कूल मनमर्जी से बढ़ा रहे फीस शिक्षा विभाग का नहीं अंकुश

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कागजों में दब गई फीस निर्धारण समितियां, ठगे जा रहे अभिभावक

राजसमंद। निजी स्कूलों में शिक्षा के नाम पर खुली लूट चल रही है। नियमों को ताक में रखकर वह अभिभावकों की जमकर जेब ढीली कर रहे हैं। जिम्मेदारों की मिलीभगत से इनपर नकेल कसने के सारे पैतरे भी उलटे अभिभावकों के सिर पर ही पड़ते हैं। ऐसा ही एक नियम है स्कूलों में राजस्थान विद्यालय फीस निर्धारण कमेटी का गठन। नियमों से अगर यह कमेटी बन जाए तो अभिभावकों को राहत मिल सकती हैं, लेकिन स्कूल संचालक जिम्मेदारों के साथ मिलीभगत कर ऐसी कमेटियों का गठन करते हैं जो महज कागजी साबित होती हैं, और यह साल दर साल खुलेआम मनमानी कर बेतहाशा फीस बढ़ोत्तरी करने में कामयाब होते हैं।

ऐसे होना चाहिए कमेटी का गठन

निजी स्कूल को प्रतिवर्ष इस कमेटी का गठन करना होता है। कमेटी गठन के लिए स्कूल प्रबंधन को एक दिन तय करके सभी अभिभावकों को कमेटी गठन की सूचना देनी होती है। उपस्थित अभिभवकों के नाम की लॉटरी पड़ती है। इसमें चयनित पांच अभिभावकों को कमेटी का सदस्य बनाया जाता है। विद्यालय का प्रबंधक कमेटी का अध्यक्ष तथा सचिव संस्थाप्रधान होता है। साथ ही तीन अध्यापकों व एक स्कूल की अभिभावक-अध्यापक संगम का सदस्य होकर कुल ११ लोगों की कमेटी होती है। यह कमेटी स्कूल की परिस्थितियों, अभिभावकों के हितो को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वर्ष फीस बढोत्तरी का निर्धारण करती है।

ऐसे बन रही कागजी कमेटियां

स्कूल प्रबंधन चहेते अभिभावकों सहित कमेटी के अन्य सदस्यों के नाम स्वयं लिखकर भेज देते हैं। फीस बढोत्तरी का निर्णय स्वयं कर, उन सदस्यों से हस्ताक्षर मात्र करवाते हैं। न तो प्रबंधन अभिभावकों को सूचना देता हैऔर न ही उन्हें फीस निर्धारण के अधिकार में शामिल किया जाता है। ऐसे में वह पूरी तरह मनमाने ढंग से फीस बढोत्तरी करते हैं।

नहीं बुलाते…

मैं भी अभिभावक हूं, लेकिन मुझे आज तक स्कूल से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली कि फीस निर्धारण कमेटी का गठन किया जाना है आप मौजूद रहें। बल्कि अभिभावकों को तो इसबात की जानकारी तक नहीं है कि ऐसी कोई कमेटी भी बनती है। स्कूल प्रबंधन मनमानी से प्रत्येक वर्ष फीस बढ़ा देते हैं।

-जितेश बागोरा, अभिभावक

मेरा बेटा कक्षा ५ का छात्र है। स्कूल प्रबंधन ने इसबार करीब २५ फीसदी बढ़ी हुई फीस का कार्ड थमा दिया गया। यह बिल्कुल बेलगाम हैं।

-रमेश कुमार, अभिभावक

शिकायत पर जांच करते हैं…

अगर कोई स्कूल नियमों से परे जाकर कमेटी का गठन करता है और अभिभावक इस बात की शिकायत करते हैं तो हम उस स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

-छगन पूर्बिया, सहायक परियोजना अधिकारी, आरटीई, राजसमंद

गैर सरकारी स्कूलों को 20 जून तक मान्यता मिलेेगी

चित्तौड़गढ़। राज्य के गैर सरकारी स्कूलों को सत्र 2018-19 में ऑनलाइन किए गए आवेदनों पर शिक्षा विभाग मान्यता दे देगा। राज्य सरकार ने गैर सरकारी स्कूलों को मान्यता देने का नया टाइम फ्रेम जारी किया है। इसमें 15 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद 20 अप्रैल तक आवेदन पत्र की हार्ड प्रति संबंधित कार्यालय में देनी होगी। मान्यता आदि के लिए ऑनलाइन प्राप्त हुई पत्रावलियों की जांच व सत्यापन दलों का गठन 12 मई तक करने के निर्देश दिए हैं। सत्यापन दलों को भौतिक सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट 20 जून तक संबंधित डीईओ ऑफिसों को प्रस्तुत करनी होगी। डीईओ रिपोर्ट के अनुसार 10 जून तक निदेशालय से अनुमोदन प्राप्त करेंगे। मान्यता के योग्य पाए जाने वाले निजी स्कूलों से आरक्षित कोष के डीडी व दस्तावेज प्राप्त करेंगे। सारी प्रक्रिया पूरी होने पर निजी स्कूलों को मान्यता आदि आदेश 20 जून तक जारी किए जाएंगे।