सरकारी स्कूलों में लगातार शिक्षकों की कमी की मिल रही शिकायतों को लेकर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने एक्शन लिया है. सरकार ने स्कूलों से शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए विधा संबल योजना पहले से लागू है. मगर इसमें संशोधन करते हुए इस योजना का दायरा बढ़ा दिया है. अब गेस्ट फैकेल्टी पर निजी अभ्यर्थियों के साथ-साथ रिटायर शिक्षकों को भी पढ़ाने का मौका मिलेगा. सरकार ने इसके लिए विधिवत आदेश भी जारी कर दिए हैं. स्कूलों में अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए राजस्थान सरकार की शिक्षा विभाग की ओर से ‘विद्या संबल योजना’ के दायरे में बढ़ोतरी करते हुए अब रिटायर शिक्षकों के साथ ही गेस्ट फैकल्टी पर निजी अभ्यर्थियों को भी सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का मौका मिलेगा.
इससे पूर्व शिक्षा विभाग ने अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में गेस्ट फैकल्टी पर रिटायर शिक्षक और निजी शिक्षकों को लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. अब इस योजना में राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूलों में भी गेस्ट फैकल्टी पर टीचर लगेंगे. माध्यमिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए है.
व्याख्याता : बीएड सहित ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन संबंधित विषय में उत्तीर्ण
सैकंड ग्रेड टीचर : संबंधित विषय में स्नातक और बीएड
लेवल दो : बीएड सहित यूजी 50% अंकों के साथ व रीट लेवल सैकंड परीक्षा उत्तीर्ण, जिसकी वैधता समाप्त नहीं हुई हो
लेवल वन : डीएलएड सहित 12वीं में 50% अंक और रीट लेवल वन परीक्षा उत्तीर्ण, वैधता समाप्त नहीं हुई हो
पीटीआई : सीपीएड, डीपीएड या बीपीएड व 12वीं उत्तीर्ण
प्रयोगशाला सहायक : संबंधित विषयों में 12वीं उत्तीर्ण
शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला की मानें तो इससे राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी और आने वाले वक्त में स्थाई शिक्षकों की भर्ती भी पूरी होगी जिससे खासी राहत मिलेगी. गेस्ट फैकल्टी पर लगने वाले शिक्षकों को 300 से 400 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से वेतन दिया जाएगा. हालांकि गेस्ट फैकल्टी पर निर्धारित योग्यता रखने वाले शिक्षकों को ही पात्र माना जाएगा. रिटायर शिक्षक जिस पद पर कार्यरत था केवल उसी पद के लिए गेस्ट फैकल्टी पर लगने के लिए आवेदन कर सकेगा.
रिटायर शिक्षक की आयु 65 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. बेरोजगार योग्य टीचर्स को ये अस्थायी नियुक्ति स्कूल स्तर पर ही दी जाएगी. स्कूल प्रिंसिपल और दो सीनियर टीचर्स की कमेटी इनका चयन करेगी. सीनियर टीचर उस स्कूल में नहीं होंगे तो सीबीईओ के माध्यम से दो टीचर्स कमेटी में शामिल होंगे. बहरहाल सरकार की इस य़ोजना को लेकर शिक्षाविद्दों का कहना है कि सरकार ने जिस रूप में इस योजना के आदेश जारी किए है. अगर उनकी जमीनी स्तर पर पालना हो तो ही इस योजना का बेहतर लाभ मिल सकेगा.