शिक्षक प्रशिक्षण शिविर महज खानापूर्ति
बाडमेर। शिक्षकों को शिक्षण संबंधी प्रशिक्षण देने के लिए ग्रीष्मकालीन शिक्षक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे है। लेकिन कई स्थानों पर यह शिविर मात्र खानापूर्ति बनकर रह गए है। शिविर आवासीय होने के कारण संपूर्ण सुविधा शिविर स्थल पर ही उपलब्ध है। लेकिन शिविर संचालक व शिक्षकों की मिली भगत के कारण अधिकांश शिक्षकों का न तो शिविर पर रात्रि ठहराव है और न ही प्रशिक्षण स्थल पर उपस्थित रहते है। धनाऊ मुख्यालय पर संचालित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शिक्षक प्रशिक्षण आवासीय शिविर में जब भास्कर संवाददाता मौके पर पहुंचा तो यहां पर 149 शिक्षकों के स्थान पर 116 अध्यापक ही उपस्थित रहे। शिविर प्रभारी गोरधनराम बेनीवाल से बात करने पर उन्होंने बताया कि शिविर में चार चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें द्वितीय चरण में 149 शिक्षकों का नामांकन है, लेकिन मौके पर 116 अध्यापक ही मिले।
मशीन में हाजरी लगाई और रवाना
शिविर में प्रशिक्षण ले रहे शिविर में सिर्फ बाहरी शिक्षक ही ठहराव कर रहे है। बाकी शिक्षक हाजरी लगाकर नाश्ता करके चलते बनते है। इस संबंध में शिविर प्रभारी व अधिकारियों के मिली भगत का संदेह जताया जा रहा है। बाहर के शिक्षक भी दबे जुबान शिकायत करते हैं कि हम सभी लोग तो प्रशिक्षण में उपस्थित रहते हैं लेकिन कई शिक्षक सिर्फ हाजरी लगाकर रवाना हो जाते है। और उन पर कोई रोकटोक नहीं है। शिविर का कार्यक्रम सुबह नौ बजे से रात आठ बजे तक है। लेकिन यहां प्रशिक्षण कम और खानापूर्ति ज्यादा नजर आ रही है।
न प्रशिक्षण न ही शिक्षक उपस्थित
शिविर में समय सारणी के अनुसार शिक्षकों को प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। शिविर में समय विभाग चक्र के अनुसार शिक्षकों को अलग-अलग कालांश से प्रशिक्षण दिए जाने की समय सारणी बनी हुई है लेकिन शिविर में ना तो समय सारणी के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है ओर ज्यादातर शिक्षक तो शिविर से नदारद ही रहते है। दोपहर भोजन के बाद दुबारा प्रशिक्षण बैच शुरू होता है लेकिन कई शिक्षक निजी कार्यों से बाजार चले जाते है तो कुछ शिक्षक सो जाते है। वहीं आवासीय शिविर होने के कारण शिक्षकों को रात्रि के समय भी प्रशिक्षण केंद्र छोड़ने की अनुमति नहीं है लेकिन रात्रि को भोजन के बाद अधिकतर शिक्षक बायोमेट्रिक मशीन से अंगूठा लगाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर घर चले जाते है।