राजस्थान सरकार ने इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार योजना का दायरा बढ़ाकर अधिक से अधिक छात्राओं को लाभ देने का फैसला किया है। इस बारे में राजस्थान शिक्षा विभाग ने ट्वीट करके कहा है कि व्यावसायिक शिक्षा की स्ट्रीम से पास 10वीं 12वीं की छात्राओं को भी अब इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार योजना का लाभ मिलेगा।
विभाग ने ट्वीट कर कहा, ’10वीं और 12वीं की माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से उत्तीर्ण छात्राओं के लिए संचालित इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार योजना का लाभ अब व्यावसायिक शिक्षा की छात्राओं को भी मिल सकेगा।’ बता दें कि इस योजना के अंतर्गत तीनों संकायों में अलग-अलग कक्षा 8वीं, 10वीं और 12वीं की परीक्षा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और निशक्त समेत 8 वर्ग में जिले में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को पुरस्कार राशि दी जाती है।
खास बात यह है कि अब इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार योजना का लाभ व्यवसायिक शिक्षा की बालिकाओं को भी मिलेगा। बता दें कि कक्षा 8 पास करने वाली लड़कियों को 40 हजार, कक्षा 10 पास करने वाली लड़कियों को 75 हजार एवं कक्षा 12 पास करने वाली लड़कियों को 1 लाख रुपए की धन राशि दी जाती है।
कोविड में माता-पिता खोने वाले विद्यार्थियों का कॉलेजों में एडमिशन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने घोषणा की है कि कोविड-19 महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले स्टूडेंट्स को राज्य के सरकारी कॉलेजों में न्यूनतम मार्क्स होने पर भी एडमिशन दिया जाएगा। बता दें कि कॉलेज एडमिशन विभाग की ओर से जारी नई कॉलेज दाखिला नीति के मुताबिक इन छात्रों को अतिरिक्त सीटों पर एडमिशन दिया जाएगा। इसके अलावा ट्रांसजेंडर समुदाय और शहीदों के बच्चों को भी सरकारी कॉलेजों में न्यूनतम मार्क्स पर एडमिशन मिलेगा। खास बात यह है कि मौजूद तीन फीसदी आरक्षण के अलावा शहीदों के बच्चों और पत्नियों को यह राहत मिलेगी। साथ ही आदिवासी उप-योजना क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्रों को न्यूनतम मानदंड में 25 फीसदी की छूट दी जाएगी।