चित्तौड़गढ़। माध्यमिक शिक्षा विभाग में किस हद तक अंधेरगर्दी है इसकी पोल सोमवार को जिले के विधायक सुरेश धाकड़ ने निरीक्षण कर खोली। जिसके अनुसार एक स्कूल प्रिंसिपल छोटे-छोटे काम के नाम पर जयपुर के चक्कर काट रहे हैं। एक साल में 56 बार जयपुर की यात्रा कर चुके। दूसरे प्रिंसिपल भी ड्यूटी की बजाय जिला मुख्यालय पर मिले। इससे नाराज विधायक सीधे डीईओ कार्यालय पहुंचे और शिकायत के बाद विभाग ने दोनों मामलों की जांच बिठाने का निर्णय लिया।
सोमवार दोपहर डीईओ कार्यालय में विधायक धाकड़ ने बताया कि राउमावि खैरपुरा जाकर रजिस्टर देखा तो प्रिंसिपल की बार-बार जयपुर यात्रा का उल्लेख था। चूंकि जयपुर उनका गृह क्षेत्र है, इसलिए उनके द्वारा छोटे-छोटे काम के बहाने सरकारी यात्रा के बिल बनाने की आशंका है। डीईओ कार्यालय के रिकॉर्ड से भी पता चला कि वे एक साल में 56 बार जयपुर गए हैं। किन सरकारी कारणों से गए, इसकी जांच होगी। धाकड़ ने बताया कि सुबह राउमावि पारसोली के प्रिंसिपल का फोन आया कि स्कूल में कमरे नहीं हैं। वह सुबह 10 बजे वहां पहुंचे तो प्रिंसिपल ही गायब थे। रजिस्टर पर लिखा था कि सुखपुरा स्कूल में सरकारी काम से गए हैं। हकीकत जानने सुखपुरा पहुंचा तो, वहां उनके नहीं आने की जानकारी मिली। फोन से पूछा तो संतोषप्रद जवाब नहीं मिला। पता चला कि वे जिला मुख्यालय पर हैं। फिर उनको डीईओ कार्यालय में बुलाया।
दोनों मामलों की जांच के लिए कमेटी बनाई है। प्रिंसिपल दोषी पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ चार्जशीट के लिए अनुशंषा करेंगे।
-हेमंत कुमार द्विवेदी, डीईओ, चित्तौड़गढ़
विधायक ने निरीक्षण के बाद डीईओ कार्यालय में आकर खोली पोल, दो मामलों की जांच बिठवाई
पिछले साल एक भी बच्चे को 11वीं में प्रवेश नहीं दिया, ताकि उनका तबादला हो जाए…
एडीईओ शांतिलाल सुथार ने माना कि खैरपुरा प्रिंसिपल सर्विस बुक या फिक्सेशन सहित छोटे-छोटे कार्यों के लिए बार-बार जयपुर जाते हैंं। जबकि इस कार्य के लिए जिला मुख्यालय पर प्रार्थना पत्र पेश किया जाता है। जयपुर जाना गलत है। मामले की जांच कराएंगे। विधायक धाकड़ ने बताया कि खैरपुरा प्रिंसिपल ने गत साल 11वीं में एक भी विद्यार्थी को प्रवेश नहीं दिया। वे यह लापरवाही संभवतया इसलिए कर रहे हैं ताकि विभाग उमावि को फिर से मावि में कर दे और वे अपना तबादला आसानी से करा सकें। विधायक धाकड़ ने कहा कि नियमानुसार एक किमी में दो सरकारी स्कूल नहीं चल सकते, लेकिन पुठोली में राउमावि एवं प्रावि चल रहे हैं। उन्होंने इसके लिए भी अधिकारियों से सवाल-जवाब किए। डीईओ कार्यालय में पारसोली प्रिंसिपल सुरेशचंद्र कच्छारा से जब मीडियाकर्मियों ने पूछा तो उन्होंने विधायक के आरोपों को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि मेरे पास हर चीज का जवाब है। मैं कहीं भी दोषी नहीं हूं।