
जेईई मेन जून सेशन का स्कोर जारी होने के बाद अब सबसे सेफ जोन में 99 व इससे अधिक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स हैं। ऐसे छात्र टॉप एनआईटी में सीट सुरक्षित कर चुके हैं। दूसरी ओर, 90 पर्सेंटाइल से अधिक स्कोर करने वालों को भी जेईई एडवांस्ड की तैयारियां तेज कर देनी चाहिए। पिछले साल जेईई मेन से एडवांस्ड के लिए सामान्य वर्ग की कट ऑफ 87.8992241 रही थी।
98.5 पर्सेंटाइल से कम स्कोर करने वालों को जेईई मेन जुलाई सेशन के साथ एडवांस्ड की तैयारियों पर फोेकस करना चाहिए। जेईई मेन का दूसरा सेशन 21 से 30 जुलाई तक प्रस्तावित है। कॅरिअर काउंसलर अमित आहूजा के मुताबिक 99.5 से अधिक पर्सेंटाइल स्कोर करने वाले छात्रों को टॉप एनआईटी की कोर ब्रांच मिल जाएगी।
99.5 से 98.5 स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स अपनी सुविधानुसार जेईई मेन जुलाई सेशन दे सकते हैं या फिर वे एडवांस्ड की तैयारियां करें। जिनका पर्सेंटाइल 98.5 से कम है, उन्हें जेईई-मेन जुलाई के साथ-साथ एडवांस्ड की तैयारी पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए। हालांकि यह सुझाव कैटेगरी के अनुसार बदल भी सकता है।
99 से अधिक पर्सेंटाइल हासिल करने वाले सबसे अधिक
96-98 पर्सेंटाइल पर ये विकल्प 98 से 96 पर्सेंटाइल स्कोर होने पर टॉप 20 एनआईटी की कोर ब्रांच मिल सकती है। इसके अलावा इन छात्रों को दूसरी अन्य ब्रांचेस और शेष एनआईटी जैसे नॉर्थ-ईस्ट के एनआईटी के साथ-साथ पटना, रायपुर, अगरतला, श्रीनगर, सिल्चर, उत्तराखंड एनआईटी एवं बिट्स मेसरा, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़, जवाहर लाल यूनिवर्सिटी-दिल्ली, हैदराबाद विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों में प्रवेश मिल सकता है। साथ ही राज्यों द्वारा संचालित प्रमुख संस्थानों में भी ये प्रवेश ले सकते हैं।
99 पर्सेंटाइल से अधिक स्कोर करने वालों को शीर्ष एनआईटी जैसे त्रिची, वारंगल, सूरतकल, इलाहाबाद, राउरकेला, कालीकट, जयपुर और कुरुक्षेत्र के साथ ट्रिपल आईटी इलाहाबाद में कोर ब्रांचेस मिलने की संभावनाएं हैं। इसी प्रकार 98 से 99 पर्सेंटाइल स्कोर करने वालों को टॉप टेन एनआईटी में कोर ब्रांचेस के साथ अन्य ब्रांच भी मिल सकती हैं।
3% लड़कियों ने कम दिया एग्जाम
सेशन 1 में लड़कों से अधिक ड्रॉप आउट लड़कियों का रहा। कुल 2.57 लाख छात्राओं ने एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया लेकिन 2.21 लाख ने ही परीक्षा दी। इसी प्रकार 6.14 लाख में से 5.47 लाख छात्र एग्जाम में बैठे। ऐसे में लड़कों की तुलना में 3% कम लड़कियों ने एग्जाम दिया।
आईआईटी में छात्राओं की कमी को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से साल 2020-21 में लड़कियों की भागीदारी को 20% करने का लक्ष्य रखा गया था। आईआईटीज में 2016 में सिर्फ 8% छात्राएं थीं। 2019 में यह संख्या बढ़कर 18% पर आ गई थी।