शहर से दूर कन्या महाविद्यालय बनाने का प्रस्ताव खारिज, अब कलक्टर ने नई जगह आवंटित करने के लिए संभागीय आयुक्त को भेजा प्रस्ताव
राजसमंद। अब श्रीद्वारकाधीश राजकीय कन्या महाविद्यालय का भवन सेठरंगलाल कोठारी कॉलेज के बगल में नहीं बल्कि भावा में बनेगा। प्राचार्य की मांग पर जिला कलक्टर ने इसका प्रस्ताव सम्भागीय आयुक्त को भेज दिया है। वहां से आदेश आते ही निर्माण आदि कार्य शुरू हो जाएगा। भवन निर्माण के लिए भावा में हाइवे किनारे १५.११ बीघा भूमि प्रास्तावित की गई है। इस पर जिम्मेदारों ने भी बेटियों की समस्या को समझते हुए कन्या महाविद्यालय के लिए दूसरी जगह तलाश की।
सम्भागीय आयुक्त को भेजा प्रस्ताव
कॉलेज प्राचार्य की मांग पर जिला कलक्टर पीसी बेरवाल ने सम्भागीय आयुक्त को लिखे पत्र में बताया कि सेठरंगलाल कोठारी महाविद्यालय की ३० बीघा भूमि में जो कन्या महाविद्यालय प्रस्तावित था, उसका जनता और छात्राओं ने विरोध किया है। इसलिए पूर्व में आवंटित भूमि को निरस्त कर उक्त महाविद्यालय के लिए भावा में भूमि की तलाश की गई है।
१५.११ बीघा भूमि का प्रस्ताव
कलक्टर द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में बताया गया कि संशोधित भूमि के अनुसार ग्राम भावा के आराजी नम्बर २९३/२ रकबा ८.१६ बीघा एवं आराजी ६.१५ बीघा कुल किता २, रकबा १५.११ बीघा भूमि श्रीद्वारकाधीश राजकीय कन्या महाविद्यालय के लिए आवंटित करने की मांग की गई है।
यह था मुद््दा
बजट घोषणा २०१६-१७ में यहां कन्या महाविद्यालय की घोषणा हुई तथा यहां के राउप्रावि प्रथम में कन्या महाविद्यालय शुरू हो गया। वर्ष २०१७ में कॉलेज का नामकरण तथा इसके भवन निर्माण के लिए भूमि का आवंटन हुआ। शहर में भूमि नहीं मिलने पर सेठरंगलाल कोठारी महाविद्यालय के नाम से पुलिस लाइन के पास कॉलेज कैम्पस से जुड़ी ३० बीघा भूमि कन्या महाविद्यालय को आवंटित कर दी गई। जिसका लगभग सभी विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी हो गया। साथ ही भवन निर्माण कार्य शुरू करवाने के लिए करीब ८० लाख रुपए का बजट भी स्वीकृत हो गया था। इस पर पत्रिका तथा स्थानीय लोगों ने बेटियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए इस जगह का विरोध किया और प्रशासन ने दूसरी जगह की तलाश की।
यह होती समस्या
अगर सेठरंगलाल कोठारी महाविद्यालय के बगल में कन्या महाविद्यालय बनता तो छात्राओं को आवागमन की खासी समस्या होती। खास तौर से कांकरोली, मोही, कुंवारिया, एमडी, पीपली आचायार्य, रेलमगरा आदि क्षेत्रों से पहुंचने वाली छात्राओं को खासी मुश्किलें होती। ऐसे में कन्या महाविद्यालय वहां खुलने से छात्राओं के लिए यह डगर खासी मुश्किलों भरी हो जाती।
छात्राओं को होती समस्या
एसआरके कॉलेज के बगल में कन्या महाविद्यालय बनने से छात्राओं को आवागमन में खासी समस्या होती, इस लिए अब भावा की १५.११ बीघा भूमि का प्रस्ताव बनाया गया है। उच्च शिक्षामंत्री ने बेटियों की समस्या को समझा तथा उनके आदेश पर ही दूसरी जगह का चयन किया गया। कलक्टर महोदय से दूसरी जगह आवंटित करवाने का निवेदन किया है, इस पर संभागीय आयुक्त को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।
-डॉ. आरेके पुर्बिया, प्राचार्य, श्रीद्वारकाधीश कन्या महाविद्यालय, राजसमंद