एसआईईआरटी उदयपुर में तैयार हो रहे प्रदेश के की-रिसोर्स पर्सन

सीसीई के तहत द‍िया जा रहा शिक्षकों काेे प्रश‍िक्षण

खास बात यह है कि जो प्रशिक्षण गत वर्ष तक अपने ही जिलों में होते थे इस प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के शिक्षकों को उदयपुर तक दौड़ लगानी पड़ रही है।

उदयपुर। एसआईईआरटी उदयपुर में प्रदेश के की-रिसोर्स पर्सन तैयार हो रहे हैं। सीसीई के तहत तैयार हो रही शिक्षकों की ये पौध अपने जिलों में जाकर अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षण देगी। खास बात यह है कि जो प्रशिक्षण गत वर्ष तक अपने ही जिलों में होते थे इस प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के शिक्षकों को उदयपुर तक दौड़ लगानी पड़ रही है। समीपस्थ जिलों से आने वाले शिक्षकों के लिए तो कोई परेशानी नहीं, लेकिन श्रीगंगानगर, जैसलमेर , बाड़मेर, सीकर व अन्य दूरस्थ जिलों से आने वाले शिक्षक दोहरी परेशानी में है। इन शिक्षकों को इस बार न केवल घर से बाहर की दौड़ लगानी पड़ रही है, बल्कि उन्हें पैसे भी पहले की तरह नकद नहीं मिलेंगे।

पहले यह था

पहले हर जिले में मास्टर ट्रेनर उसी जिले में तैयार होते थे, लेकिन अब मास्टर ट्रेनर तैयार करना बंद कर दिया है। ये मास्टर ट्रेनर अपने जिलों के अन्य शिक्षकों को तैयार करते थे। प्रत्येक जिले के केवल गिने-चुने की रिसोर्स पर्सन तैयार होकर गृह जिले में मास्टर ट्रेनर तैयार करते थे, वहीं अन्य शिक्षकों को आवासीय प्रशिक्षण दिया जाता था।

राज्य के चार हजार शिक्षक करने हैं तैयार

प्रशिक्षण में पूरे राज्य के पांच हजार शिक्षक तैयार किए जाने है। अब तक करीब दो हजार शिक्षक तैयार हो चुके हैं। दो अप्रेल से अगला फेज शुरू होना है। इन की रिसोर्स पर्सन को स्टेट रिसोर्स पर्सन प्रशिक्षण दे रहे हैं। चार विषयों में यह प्रशिक्षण हो रहा है। हिन्दी, अंग्रेजी, गणित और पर्यावरण विषय में तैयार किए जा रहे हैं। प्रत्येक को 200 रुपए सर्व शिक्षा अभियान से व 65 रुपए यूनिसेफ से मिलेंगे। हालांकि इसके अतिरिक्त टीए व डीए की राशि उन्हें पहले की तरह नकद नहीं मिलेगी। प्रत्येक बैच का छह दिवसीय प्रशिक्षण है।

हम केवल एजेंसी

हम केवल प्रशिक्षण करवाने की एजेंसी है। एनसीईआरटी के नियमों के अनुसार सरकार की गाइड लाइन के आधार पर हमें यह प्रशिक्षण करवाने होते हैं। विभिन्न जिलों से की रिसोर्स पर्सन उदयपुर में तैयार इसलिए किए जा रहे हैं क्योंकि जब जिलों में होते थे तो अनुपस्थित शिक्षकों की संख्या काफी होती थी। आवासीय शिविरों में भी शिक्षक नहीं रहते थे। यह प्रशिक्षण अक्टूबर से तैयार हो रहे हैं।

-दिनेश कोठारी, निदेशक एसआईईआरटी उदयपुर