विद्यादान के लिए चयनित विद्यालय
शताब्दी का आइना : महारावल स्कूल फिर सुर्खियों में
डूंगरपुर। करीब सवा सौ साल का इतिहास अपनी झौली में समेट कर जिले के सबसे बड़े विद्यालय होने का गौरव प्राप्त राजकीय महारावल उच्च माध्यमिक विद्यालय नौवीं से 12वीं तक हिन्दी के साथ ही अंग्रेजी माध्यम शुरू कर चर्चाओं में आने के बाद अब एक और नवाचार हाथ में लिया है। डूंगरपुर नगरपरिषद् के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान से प्रेरित होकर विद्यालय ने कक्षा नौं में प्रवेश लेेने वाली समस्त नवप्रवेशी बालिकाओं का नि:शुल्क दाखिला देने की योजना बनाई है। संस्थाप्रधान दीपिका द्विवेदी ने बताया कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विद्यालय स्टॉफ ने यह योजना हाथ में ली है। इसके तहत कक्षा नौ में प्रवेश लेने वाली समस्त वर्गों की बालिकाओं से विकास शुल्क सहित विभिन्न शुल्क नहीं लिए जाएंगेे। यह राशि विद्यालय स्टॉफ की ओर से दी जाएगी। फिलहाल नौंवी की सामान्य वर्ग की बालिकाओं की फीस 420 एवं अन्य वर्गों के लिए 320 रुपए हैं।
विद्यादान के लिए भी चयनित
जिला मुख्यालय पर संचालित इस विद्यालय का चयन प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना विद्या-दान कोष के लिए हुआ है। इस योजना के लिए यह जिले का एक मात्र विद्यालय है, जिसे एकमुश्त 50 लाख रुपए का अवार्ड मिलेगा। इस राशि से विद्यालय में विभिन्न विकासोन्मुखी कार्य शुरू हो गए हैं।
एक सत्र : कई कार्य
. जिले के महारावल स्कूल में चालू शैक्षिक सत्र में ही एक करोड़ रुपए से अधिक के विकासोन्मुखी कार्य हो गए हैं। संभवतया यह जिले का पहला विद्यालय होगा। इनमें प्रमुख कार्य निम्न हैं…
. रामसां मद में दो-मंजिलानुमा 10 कक्षा-कक्ष के लिए 80 लाख रुपए का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है।
. जनजाति क्षेत्रीय विकास मद में 05 लाख रुपए विद्यालय की चारदीवारी को ऊंचा करने केे लिए मिले। यह कार्य भी अंतिम चरण में है।
. भामाशाह की ओर से 03 लाख रुपए का अत्याधुनिक आरओ युक्त जल मंदिर
. 50 लाख रुपए विद्यादान कोष के लिए चयनित
फेक्ट-फाइल
– 124 वर्ष इतिहास समेटे हुए हैं महारावल स्कूल
– ७१ सृजित पदों में ५८ पद है भरे हुए
– ४५ कक्षा-कक्ष हैं विद्यालय में
– 136 बिघा जमीन है विद्यालय के खाते में
– समकालीन समय का ही जिला पुस्तकालय भी विद्यालय परिसर में हैं संचालित
कर रहे हैं विशेष प्रयास
प्राचीनतम विद्यालयों में से एक इस विद्यालय के उत्थान के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं। नवीन सत्र में अधिक से अधिक नामांकन का लक्ष्य तय किया है।
– दीपिका द्विवेदी, प्रधानाचार्य, राजकीय महारावल स्कूल
तीन अलग विशेष पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति की योजनाओं के लिए आवेदन मांगे
डूंगरपुर। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग के बच्चों के शैक्षिक विकास के लिए तीन अलग विशेष पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं में सत्र 2018-19 में कक्षा 6 में प्रवेश के लिए आवेदन मांगे गए हैं। डीईओ माध्यमिक अनोपसिंह सिसोदिया ने बताया कि प्रवेश के लिए वे ही छात्र-छात्रा पात्र होंगे, जो राजस्थान के मूल निवासी होंगे। नियम और शर्तें आवेदन पत्र विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध है। आवेदन फॉर्म के साथ मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, कक्षा पांचवीं की अंक तालिका की प्रमाणित फोटो प्रति तथा फॉर्म के साथ संलग्न परिशिष्ट एक में माता-पिता के आय प्रमाण पत्र भाग दो का शपथ पत्र संलग्न करना आवश्यक है। आवेदन फॉर्म 11 मई को शाम 6 बजे तक कार्यालय में जमा होंगे।