एनईपी का उद्देश्य नौकरी लेने वालों से ज्यादा नौकरी देने वाला बनाना है
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के वाइस प्रेसिडेंट प्रो. भूषण पटवर्धन ने पंजाब यूनिवर्सिटी में आयोजित एक वेबिनार में शिरकत की। उन्होंने कुलपति प्रो. राजकुमार से एनईपी को लेकर उनके रोडमैप के बारे बात की। उन्होंने लाकडाउन के दौरान पीयू के कार्यों की सराहना की।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) गंभीर नजर आ रही है। इस मामले में उन्होंने हायर एजुकेशन और देश की यूनिवर्सिटी पर फोकस किया हुआ है। इसी कड़ी में मंगलवार को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के वाइस प्रेसिडेंट प्रो. भूषण पटवर्धन ने पंजाब यूनिवर्सिटी में आयोजित एक वेबिनार में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कुलपति प्रो. राजकुमार से एनईपी को लेकर उनके रोडमैप के बारे बात की। उन्होंने लाकडाउन के दौरान पीयू के कार्यों की सराहना की। एनईपी पर चर्चा करते हुए उन्होंने टिप्पणी की कि नीति अच्छी तरह से पढ़ी गई है और उनका उद्देश्य भरत को ज्ञान का एक केंद्र बनाना है। इसका उद्देश्य है स्टूडेंट्स को नौकरी लेने की बजाय नौकरी देने वाला बनाना है। इसी बात को ध्यान रखते हुए हम आगे की रणनीति बना रहे है। इस कार्य में देश के उच्च शिक्षण संस्थान गेम चेंजर भूमिका निभाएंगे।
इसमें पारंपरिक भारतीय शिक्षा प्रणाली/माडल की बुनियादी बातों पर जोर दिया गया। उन्होंने इस तथ्य पर विस्तार से बताया कि प्रौद्योगिकी को शिक्षक की सहायता के लिए आना चाहिए जैसा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में परिकल्पित किया गया है। कुल-गुरु और गुरु-कुल के मिश्रण पर उनके द्वारा जोर दिया गया। शिक्षा प्रणाली में गुरुकुल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुरुकुलों में ज्ञान, समग्र के प्रसार का प्रतीक है।
अपने उद्घाटन भाषण में कुलपति प्रोफेसर राज कुमार ने कहा कि एनईपी में सभी को भाषाओं से जुड़ने का अवसर मिलेगा। इसमें सभी भाषाओं को स्थान दिया गया है जो सरहनिया कदम है। कुलपति ने कहा कि एनईपी के लिए कैंपस में तैयारियां शुरू हो चुकी है, जिसके बारे में वो समय समय पर यूजीसी को अवगत करवाते रहे है। उन्होंने शिक्षा सुधारों के उद्देश्यों को स्पष्ट किया और कहा कि एनईपी में शिक्षकों को भी शिक्षित करने का प्रावधान है जो पहली बार हुआ है।
कुलपति ने कहा कि स्कूलों से इसका आधार रखा जाएगा। हमारे देश में स्कूली शिक्षा पर एनईपी में जोर दिया गया है। उच्च शिक्षा के लिए हर संस्थान अपने स्तर पर कार्य कर रहा है। वहीं कैंपस में शिक्षकों को ट्रेंड करने लिए एचआरडी बिल्डिंग बनाई गई है। जिससे आने वाले समय में सभी फील्ड के लोगो को फायदा होने वाला है।