प्रदेश के 6495 स्कूलों का वर्ष भर में किसी ने नहीं किया निरीक्षण

Education Shiksha Vibhag

इन स्कूलों की ऐसे खुली पोल

उदयपुर। प्रदेश के करीब साढ़े छह हजार स्कूल ऐसे रहे, जिन्हें किसी भी अधिकारी ने देखने की जहमत नहीं उठाई। 10 हजार से अधिक स्कूलों का एक बार और 8 हजार से अधिक स्कूलों का महज दो बार निरीक्षण किया गया। राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी आंकड़ों में यह खुलासा हुआ। इससे प्रतीत होता है सत्र शुरू होने पर गुणवत्ता का ढोल पीटने वाले शिक्षा महकमे के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी के प्रति कितने गंभीर है।

100 प्रतिशत स्कूल देखने का लक्ष्य, हाल ये

राज्य सरकार ने वर्ष 2017-18 में प्रदेश के 100 प्रतिशत स्कूल निरीक्षण के आदेश दिए थे लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और वे लक्ष्य अर्जित नहीं कर पाए। इतना ही नहीं प्रत्येक जिले में जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर, बीईईओ, पीईईओ व अन्य अधिकारियों को भी स्कूल देखने के लक्ष्य दिए गए। उपनिदेशक से लेकर बीईईओ को प्रतिमाह न्यूनतम दस स्कूल देखने होते हैं, जबकि पीईईओ को प्रतिमाह न्यूननत दो स्कूल देखने अनिवार्य हैं, लेकिन इसकी पालना गिने-चुने अधिकारी ही करते हैं।

उदयपुर नीचे से टॉप

प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा के कुल 49 हजार 333 स्कूल हैं, इनमें से राज्य के 6495 स्कूल एक बार भी जांचें नहीं गए। तो 10664 स्कूलों को केवल एक बार देखा गया। वहीं 8341 स्कूलों को दो बार और 6690 स्कूलों को तीन बार किसी अधिकारी द्वारा जांचा गया है। वहीं 17 हजार 386 स्कूलों को तीन बार से अधिक जांचा गया। खास बात ये कि अधिकारी के निकटस्थ स्कूल ज्यादा बार देखे जाते हैं, जबकि दूर दराज के स्कूल में 10-10 सालों तक कोई नहीं जाता। उदयपुर जिले में कुल 3176 में से 867 स्कूलों को किसी अधिकारी ने एक बार भी नहीं देखा। 807 स्कूल एक बार, 524 को दो बार 331 स्कूल तीन बार व 646 स्कूल तीन बार से अधिक देखे गए।

उदयपुर संभाग के हाल

जिला (कुल स्कूल) एक बार भी नहीं देखे एक बार दो बार तीन बार तीन से अधिक
बांसवाड़ा (2183) 575 644 376 225 368
चित्तौडगढ़़ (1377) 119 306 243 203 514
डूंगरपुर (1847) 346 452, 343 265 446
राजसमन्द (1371) 201 307 273 191 406
प्रतापगढ़ (1150) 9 366 233 166 380

बड़े जिलों के हाल

जयपुर में 2470 स्कूलों में से 257, जोधपुर में 2810 में से 786, अजमेर के 1304 में से 161, बीकानेर में 1552 में से 297 स्कूलों को एक बार भी नहीं देखा गया।

व्यस्तता के चलते नहीं होता निरीक्षण

अधिकारी बैठकों में व्यस्त होने से स्कूल नहीं देख पाते, साथ ही जिले में अधिकांश पीइईओ के पद रिक्त होना भी निरीक्षण नहीं होना बड़ा कारण है, प्रयास करेंगे कि तय लक्ष्य समय पर पूरे किए जा सकें।

-शिवजी गौड़, उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा, उदयपुर संभाग