शिक्षा विभाग का आदेश, अब सीधे नए साल में खुलेंगे स्कूल

शिक्षा विभाग का आदेश, अब सीधे नए साल में खुलेंगे स्कूल
शिक्षा विभाग का आदेश, अब सीधे नए साल में खुलेंगे स्कूल

शिक्षा विभाग का आदेश, अब सीधे नए साल में खुलेंगे स्कूल


भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में शीतकालीन अवकाश 25 दिसंबर से शुरू हो चुके हैं। बता दें कि इस बार स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों को छह दिन की शीतकालीन छुट्टियां देने की घोषणा की थी। स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के आदेश के अनुसार बच्चों को 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक छह दिनों का अवकाश मिल रहा है।

प्रदेश में शासकीय स्कूलों में शीतकालीन अवकाश को लेकर पहले ही लिस्ट जारी कर दी गई थी। जिसमें तहत बस 6 दिन बाद ये छुट्टियां शुरू होने वाली है।जारी आदेश के अनुसार इसमें बच्चों के साथ—साथ शिक्षकों को भी ठंड में 7 दिन का शीतकालीन अवकाश दिया जाएगा। फिर इसके बाद 1 मई से 16 जून 2022 तक विद्यार्थियों की ग्रीष्मकालीन की छुटि्टयां रहेंगी। जबकि शिक्षकों के लिए अवकाश इसमें 7 दिन कम यानि 1 मई से 9 जून तक का अवकाश मिलेगा। बताते चलें कि, मध्यप्रदेश में वैसे भी सरकारी स्कूल फिलहाल औपचारिकता के लिए खुल रहे हैं। सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण के नियंत्रण के नाम पर 50% क्षमता के साथ स्कूल खोलने के निर्देश दिए हैं।

वही बच्चों के लिए आनलाइन कक्षा को अभी भी जारी रखा गया है। बता दें कि शिक्षकों और बच्चों के लिए दशहरा पर 14 से 16 अक्टूबर तक 3 दिन की छुट्‌टी थी। वही दीपावली पर 5 दिन का अवकाश दिया था। इसके साथ ही ठंड में 6 दिन का शीतकालीन अवकाश दिया जाएगा। इसके बाद छात्रों की ग्रीष्मकालीन छुटि्टयां मिलेंगी।आपको बताते चलें कि, कोरोना केसों में लगातार कमी को देखते हुए सरकार ने कई ढील भी दी थी, इस क्रम में स्कूल-कॉलेज भी फिर से खोले दिए गए थे। हालांकि कुछ दिन पहले फिर से कोरोना केस बढ़ने के कारण सभी स्कूल 50 फीसदी छात्र-छात्राओं के साथ खुल गए हैं। सरकार ने सभी स्कूलों को एक बार में 50 फीसदी छात्र-छात्राओं को ही बुलाने की अनुमति प्रदान की है।

वहीं स्कूल खोल दिए गए हैं पर अभी भी बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेज जारी रहेंगे. बच्चों के अभिभावकों के पास इस चीज का विक्लप दिया गया है कि वह अपने बच्चे को स्कूल भेजना चाहते हैं या नहीं. अगर अभिभावकों को अभी भी बच्चों कोरोना का खतरा महसूस होता है तो वह बच्चों को घर से ऑनलाइन कक्षा में पढ़ने का निर्णय ले सकते हैं।