पाठ्य पुस्तकों की पहली खेप पहुंची, जून में होगा वितरण

प्रतापगढ़। नया सत्र की शुरुआत के तहत गांव-गांव, ढाणी-ढाणी प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर के सभी स्कूलों में राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग के निर्देशों के तहत प्रवेशोत्सव मनाया गया। साथ ही स्कूलों में नवप्रवेशियों का नामांकन प्रकिया भी जोर शोर से की गई थी । लेकिन यह प्रवेशोत्सव एवं स्वागतोत्सव महज औपचारिक बन कर रह गए। क्योंकि स्कूलों में बच्चों को पाठ्य पुस्तक नहीं मिल पाई थी। लेकिन लगभग दो माह की देरी से अब राजस्थान राज्य पुस्तक वितरण केन्द्र पर पुस्तकों के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो चुका है। मई माह के अंत तक डिमाण्ड के अनुसार पुस्तकें पहुंच जाएंगी। जिनका वितरण जून माह में किया जाएगा। जबकि गत वर्षों की बात की जाए तो ये पुस्तकें दिसम्बर-जनवरी के मध्य तक पहुंच जाया करती थी। जिनका वितरण फरवरी और मार्च माह तक किया जाता रहा है।

आने लगी पुस्तकें

पुस्तके आने का क्रम शुरु हो गया है। प्रतिदिन चित्तौडगढ़़ डिपो से गाड़ी आ रही है। डिमाण्ड अनुसार अब तक एक चौथाई पुस्तकें आ गई हैं। शेष पुस्तकें भी अतिशीघ्र आ जाएंगी। पुस्तकें आने के बाद विभागीय आदेशानुसार वितरण प्रकिया शुरु कर दी जाएगी।

-विजयपाल रोत, प्रबंधक, राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक वितरण केन्द्र प्रतापगढ़

स्कूल क्रमोन्नत हो तो बच्चों को नहीं जाना पड़ेगा 5 किमी दूर दूसरे गांव में पढ़ने

सागवाड़ा। ग्राम पंचायत टामटिया के राजस्व गांव बीजावाड़ा की राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल माध्यमिक स्कूल में क्रमोन्नत हो तो यहां के बच्चों को राहत मिलेगी। यहां पर आठवीं कक्षा के बाद आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को करीब पांच किमी दूर पंचायत मुख्यालय टामटिया या फिर ठाकरड़ा जाने की मजबूरी बनी हुई। ग्रामीणों के अनुसार करीब 40 बच्चे ऐसे है जो वर्तमान में 9 से 12वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए गांव से बाहर जा रहे हैं। माध्यमिक स्कूल नहीं होने से कई बच्चे पढाई छोड़ने मजबूर: गांव में माध्यमिक स्कूल नहीं होने से कई बच्चों को आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ रही है। खासकर बालिकाओं को बाहर जाने में ज्यादा समस्या आती है। ऐसी स्थिति में अभिभावक भी बालिकाओं को आगे पढ़ाने में रूचि नहीं दिखाते। बीजावाड़ा में वर्ष 1955-56 में प्राथमिक स्कूल की स्थापना के बाद वर्ष 1984-85 में उच्च प्राथमिक में क्रमोन्नत किया गया था। अभी यहां आठवीं कक्षा में 16 बच्चे अध्ययनरत हैं। माताजी का फला, बम्बारा, भाटड़ा, धाणी, पाड़ा फला, झरेलिया फला के बच्चे पढ़ने आते हैं। गांव के आसपास जनजाति बाहुल्य फले होने से लोग इस स्कूल को क्रमोन्नत कराने की मांग कर रहे हैं। छबीलाल पाटीदार, गोविंद पाटीदार, हकरजी पाटीदार, गणेशलाल प्रजापत, गौतमलाल, वासुदेव प्रजापत, थोबजी पाटीदार, गोविंद पाटीदार, भरतलाल, लालशंकर, नटवरलाल, गुणवंत पाटीदार, कृष्णकांत, भरतलाल प्रजापत, हकरजी कुंवाड़ा, कुरियाभाई सहित ग्रामीणों और कुवैत युवा क्रांति मंच के सदस्यों ने स्कूल क्रमोन्नत कराने की मांग की।