16 विषयों में स्नातकोत्तर, जिले का नाम किया गौरवांवित

सनाढ्य की उपलब्धि युनिक वल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल

सनाढ्य ने अपनी कामयाबी का श्रेय पिता मदनलाल दीक्षित, स्व. माता यशोदा देवी, पत्नी व बेटी को दिया

राजसमंद। गोविंद सनाढ्य। यह एक ऐसा नाम है, जो अपनी डिग्री की वजह से जिले में विशेष पहचान रखते हैं। आपको भी जानकर हैरानी होगी कि इन्होंने अबतक १६ बार पीजी (पोस्ट ग्रेजुएशन) किया है। वहीं तीन डिप्लोमा कोर्स किए हैं। वह भी अलग-अलग विषयों में। इनकी इसी अनोखी प्रतिभा ने इन्हें युनिक वल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल किया है। पेशे से यह एक अध्यापक हैं और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धोइंदा में कार्यरत हैं। सनाढ्य ने लिम्का बुक में भी नाम जुड़वाने का आवेदन कर रखा है। बताया जाता है कि लिम्काबुक में १४ बार पीजी करने का रिकॉर्ड दर्ज है। इसलिए शीघ्र इनके नाम का नया रिकॉर्ड जोड़ा जा सकता है।

पढ़ते रहना चाहते हैंं…

सनाढ्य ने अपनी कामयाबी का श्रेय पिता मदनलाल दीक्षित, स्व. माता यशोदा देवी, पत्नी व बेटी को दिया। उन्होंने कहा कि पत्नी व बेटी उन्हें लगातार पढ़ाई के लिए पे्ररित करते रहते हैं तभी उन्होंने १६ विषयों में से ज्यादातर डिग्री उन्हें प्रथम श्रेणी में ही मिली हैं।

विवि के पास विषय नहीं

सनाढ्य ने बताया है कि उनकी ज्यादातर डिग्री मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय की हैं करीब विषयों में उन्होंने पीजी कर ली है। ऐसे में अब उन्हें आगे पढ़ाई करने के लिए अन्य विश्वविद्यालय खोजने पड़ रहे हैं। वर्तमान में उन्होंने लाडनूं से योगा में पीजी के लिए आवेदन किया है।

युनिक वल्र्ड रिकॉर्ड

सनाढ्य को संभाग स्तर पर बेस्ट टीचर अवार्ड, दो बार स्वतंत्रता दिवस पर जिलास्तरीय सम्मान, वल्लभाचार्य सम्मान भी मिल चुका है। अब उन्हें युनिक वर्ड रिकॉड्र्स में शामिल किया गया है। यह भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स से रजिस्टर्ड है। सनाढ्य को में ‘मोस्ट पीजी डिग्री बाय अन इनडिविजुल’ शीर्षक से शमिल किया गया है।