38 शिक्षकों का वेतन अटका
बांसवाड़ा। जिले में शून्य नामांकन के बावजूद 12 सरकारी प्राथमिक स्कूलों में नौकरी कर लौट रहे शिक्षकों के दूसरी जगह पदस्थापन के लिए प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग तो कर दी, लेकिन 2 महीने गुजरने के बाद भी दूसरे स्कूलों में पदस्थापन के आदेश नहीं हुए हैं। विभाग और जिला परिषद के बीच इनकी फाइल घूम रही है और इसके चलते 38 शिक्षकों के दो महीने के वेतन का नया संकट हो गया है। गौरतलब है कि गत 17 दिसंबर के अंक में दैनिक भास्कर ने बांसवाड़ा के 12 स्कूलों में बच्चे ही नहीं, केवल नौकरी कर लौट रहे हैं शिक्षक और कर्मचारी शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
इसमें शिक्षक विहीन स्कूलों का जिक्र कर शून्य नामांकन वाले स्कूलों में ठाले-बैठे शिक्षकों को निदेशालय की ओर से दूसरी लगह लगाने के आदेश की पालना नहीं होने के हालात बयां किए गए। इसके बाद विभाग चेता और 21 दिसंबर को ही प्रारंभिक शिक्षा विभाग कार्यालय में काउंसलिंग कर कुल 38 शिक्षकों का दूसरी जगह पदस्थापन किया गया। इनमें 9 प्रबोधक, 3न पैराटीचर, 1 ट्रेनी टीचर, 1 शिक्षाकर्मी, 10 लेवल-1 के शिक्षकों के साथ विज्ञान, हिंदी, सामाजिक विज्ञान और संस्कृत के लेवल-2 के 14 शिक्षक शामिल थे। फिर उसकी फाइल अनुमोदन के लिए जिला शिक्षा समिति यानी डीईसी को भेजी गई।
सूत्र बताते हैं कि डीईसी ने 26 दिसंबर की बैठक में ही इनका अनुमोदन कर दिया, लेकिन दस्तखत होकर फाइल शिक्षा विभाग नहीं पहुंची। इसके चलते एक भी शिक्षक का पदस्थापन आदेश जारी नहीं हुआ। मौजूदा हालात यह हैं कि इन शिक्षकों को बीईओ ने पोर्टल से हटा दिया है, वहीं पदस्थापन आदेश नहीं मिलने से शिक्षकों के संबंधित स्कूल में ज्वाॅइन नहीं किया। ऐसे में दो महीने बीतने पर अब वेतन बिल कौन, कहां और कैसे बनाए जैसे सवाल खड़े हो गए हैं। इस बारे में शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिलाध्यक्ष गमीरचंद पाटीदार ने बताया कि पदस्थापन आदेश जारी नहीं होने के पीछे डीईओ ने जिला परिषद से फाइल नहीं लौटने का कारण बताया है। अब इस बारे में सीईओ से बात की जाएगी।
एक दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी
काम जिला परिषद का, फाइल नहीं आई-डीईओ
हमने काउंसलिंग कर 38 शिक्षकों के पदस्थापन के लिए अनुमोदन डीईसी से करवा लिया। जिला परिषद से फाइल आने पर पदस्थापन आदेश जारी कर दिए जाएंगे। तनख्वाह का सवाल है तो इस बारे में अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर कार्रवाई करेंगे।
-प्रेमजी पाटीदार, डीईओ प्रारंभिक
डीईओ 100 फीसदी गलत-सीईओ
काउंसलिंग के बाद डीइसी से अनुमाेदन करवाकर अग्रिम कार्रवाई करवाने की जिम्मेदारी डीईओ की है। कोई अगर जिम्मेदारी जिला परिषद पर डाल रहा है तो वो 100 फीसदी गलत है।
-हर्ष सावनसुखा सीईओ जिला परिषद