जयपुर। अल्पसंख्यक मामलात मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट में की गई घोषणा “आदर्श मदरसा योजना“ अन्तर्गत प्रदेश में राजस्थान मदरसा बोर्ड द्वारा पंजीकृत “ए“ श्रेणी के 500 मदरसों का चयन कर चालू वित्त वर्ष में मॉडल मदरसा के रूप में सुदृढ़ कर आधुनिक बनाया जायेगा। डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेश में संचालित मदरसों को आाधारभूत संसाधन प्रदान करने, मदरसों के बच्चों को आधुनिक शिक्षा एवं बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यह घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गयी थी। उन्होंने बताया कि राज्य के अल्पसंख्यक मुस्लिम वर्ग के छात्र-छात्राओं के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिये “आदर्श मदरसा योजना“ मील का पत्थर साबित होगी अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने बताया कि “आदर्श मदरसा योजना“ का मुख्य उद्देश्य मदरसों के विद्याार्थियों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ते हुए सर्वांगीण विकास करना है। छात्र-छात्राओं को आधुनिक शिक्षा, ई-उपकरण प्रदान करने के साथ आधुनिक फर्नीचर एवं शैक्षणिक सामग्री जैसे ग्लोबचार्ट, पुस्तकें, मैथ्स किट व अन्य शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जायेगी।
इसके अलावा खेलकूद किट भी दी जायेगी। डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि बजट घोषणा की अनुपालना में अल्पसंख्यक मामलात विभाग ने “आदर्श मदरसा योजना“ के दिशा निर्देश जारी किये हैं। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति जिले में लाभान्वित होने वाले मदरसों का चयन करेगी एवं समिति के आंकलन के अनुसार मदरसा बोर्ड द्वारा सामग्री उपलब्ध कराई जायेगी।
राजपत्रित अधिकारी अचल सम्पति का विवरण 31 मई तक कर सकते हैं अपलोड
जयपुर। राज्य सरकार ने राजपत्रित अधिकारियों को अचल सम्पति का विवरण अपलोड करने का अन्तिम अवसर दिया गया है। अब राजपत्रित अधिकारी 31 मई 2018 तक अपनी अचल सम्पति का विवरण ऑन-लाइन अपलोड़ कर सकते है। राज्य सरकार के 84 हजार 945 राजपत्रित अधिकारियों द्वारा अब तक अचल सम्पत्ति का विवरण अपलोड किया जा चुका हैं, तथा करीब 25 हजार राजपत्रित अधिकारियों ने अपना अचल सम्पत्ति का विवरण अभी तक अपलोड नहीं किया है। प्रदेश के राजपत्रित अधिकारियों द्वारा उक्त अवधि तक अचल सम्पत्ति का विवरण ऑन-लाईन अपलोड नहीं करने पर कार्मिक विभाग द्वारा जारी परिपत्र 27 दिसम्बर, 2017 के अनुसार विजिलेंस क्लीयरेंस, पदोन्नति, एक जुलाई से देय वेतन वृद्धि व अन्य लाभ स्वीकृत नहीं किए जायेंगे।