प्रदेश में 2 जुलाई से शुरू हाेगी अन्नपूर्णा दूध योजना

Rajasthan Shiksha
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योजना का राज्य स्तर पर शुभारम्भ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे करेंगी

जयपुर। राज्य के राजकीय विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को 2 जुलाई से पोषाहार के साथ दूध भी दिया जाएगा। सरकार छात्र-छात्राओं के लिए अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू करेगी। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को 150 एम.एल. व कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को 200 एम.एल. दूध विद्यालयों में दिया जाएगा। दूध वितरण का प्रबंध विद्यालय प्रबंध समितियों के मार्गदर्शन में होगा। योजना का राज्य स्तर पर शुभारम्भ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे करेंगी। देवनानी ने विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को दूध के जरिए पोषण प्रदान करने की इस महत्ती योजना के लिए भामाशाहों से भी सहयोग की अपील की है।

आदेश के बाद भी आंगनबाड़ी केंद्र स्कूलों में नहीं हुए मर्ज विभाग के अधिकारियों की उदासीनता से अटका पड़ा काम

जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किया था कारण बताओ नोटिस फिर भी जिलों से नहीं मिल रही रिपोर्ट

जयपुर। राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों को स्कूलों में मर्ज कर यहां पर प्रारंभिक शिक्षा शुरु करने की योजना तैयार की है। इसके बाद से प्रारंभिक शिक्षा के अंतर्गत संचालित कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों में आंगनबाड़ी केन्द्रों को संचालित करना था। लेकिन कई जगह विभाग के अधिकारियों की उदासीनता से जयपुर जिले में यह काम अटका पड़ा है। विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी रिमाइंडर भेजा है। जिन जिलों में आंगनबाड़ी केंद्र को स्कूल में मर्ज करने को लेकर सुस्त रवैया अपनाया जा रहा है वहां पर संबंधित जिलाधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विभाग की मानें तो अभी तक जिले की प्रगति रिपोर्ट जीरो के बराबर है। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने चाकसू, दूदू, फागी, बस्सी, सांगानेर ग्रामीण और झोटवाड़ा ग्रामीण के पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी इस माह की शुरुआत में दिया था। बावजूद इसके आज दिन तक अधिकतर जगहों से इसका जवाब नहीं दिया गया है। संबंधित सभी जिलों को रिमाइंडर भेजा है। साथ ही ये भी स्पष्ट कर दिया कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्राथमिक विद्यालयों की 500 मीटर की परिधि में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों को स्कूलों में समन्वित करना है। साथ ही भवन विहीन व किराए के भवन में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी विद्यालय में स्थानांतरित करना है। जयपुर जिले में आंगनबाड़ियों को विद्यालय में समन्वित करने का काम अभी तक सिर्फ 38.25 प्रतिशत ही हुआ है। शाला दर्शन पोर्टल पर आंगनबाड़ी मॉड्यूल में इनकी सूचना अपडेट करनी है, लेकिन अभी तक सूचना भी अपडेट नहीं हुई है। इसी वजह से विभाग ने फिर से रिमाइंडर भेजा है।