
चार दिन पहले हुई थी प्रधानाध्यापक और शिक्षक में हाथापाई, जूनावास विद्यालय का मामला
गुड़ली। खेमली पंचायत के जूनावास उच्च प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने बुधवार को प्रधानाध्यापक (Principal) खेमराज मेनारिया को पुन: विद्यालय में लगाने की मांग को लेकर रास्ता जाम किया। इस दौरान सडक़ के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई। करीब आधे घंटे तक जाम के दौरान विद्यार्थियों ने जमकर नारेबाजी की। सरपंच मांगीलाल डांगी की समझाइश्ाा पर विद्यार्थियों ने रास्ता खोला। उल्लेखनीय है कि गत शनिवार को मिड डे मिल के पोषहार को लेकर विद्यालय के शिक्षक गोपालसिंह और प्रधानाध्यापक खेमराज मेनारिया के बीच हाथापाई हो गई थी। इसको लेकर उच्चाधिकारियों ने प्रधानाध्यापक सहित तीन शिक्षकों को एपीओ कर दिया था। सरपंच डांगी ने बताया कि ग्रामीणों ने मावली विधायक से प्रधनाध्यापक को पुन: विद्यालय में लगाने की मांग की।
यह था मामला
जूनावास विद्यालय में पोषाहार प्रभारी शिक्षिका की ओर से भोजन नहीं चखने पर प्रधानाध्यापक ने उनके खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव बनाया। सभी शिक्षकों से हस्ताक्षर भी करवाए। एक शिक्षक के हस्ताक्षर नहीं करने पर दोनों में हाथापाई हो गई। शिक्षक ने क्षेत्रवाद बताते हुए परेशान करने का आरोप लगाया था, जबकि प्रधानाध्यापक ने शिक्षिका पर काम में लापरवाही की बात कही।
पानी को तरसे हाथीकाड़ विद्यालय के बच्चे
झाड़ोल। उपखण्ड मुख्यालय से करीब एक किमी की दूरी पर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय हाथीकाड के विद्यार्थियों को पीने के पानी के लिए एक-एक किमी तक भटकना पड़ रहा है। ग्रामीणों और विद्यालय स्टाफ ने बताया कि विद्यालय में लगा हैण्डपम्प करीब तीन वर्षों से नकारा पड़ा हुआ है। ग्रामीणों और विद्यालय स्टाफ ने कई बार ग्राम पंचायत व पंचायत समिति में हैण्डपम्प दुरस्त कराने को लेकर ज्ञापन भी दिए, लेकिन अभी तक किसी ने सुध नहीं ली।.. गांव में एक ही हैण्डपम्प ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय के हैंडपम्प के अलावा हाथीकाड गांव में एक और हैंडपम्प है, वो भी पिछले पांच माह से नकारा पड़ा हुआ है। इसको दुरुस्त कराने को लेकर ग्रामीणों ने पंचायत को शिकायत भी की, लेकिन पंचायत कार्मिकों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिससे ग्रामीणों सहित विद्यालय के बच्चों को आधा किमी दूर स्थित कुएं से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है।
प्रपोजल भेजा है…
हाथीकाड विद्यालय में लगा हैण्डपम्प पूर्ण रूप से नकारा हो चुका है। नया प्रपोजल बनाकर जनस्वास्थ्य आभियांत्रिकी विभाग को भेजा गया है।
-पवन कुमार रावल, बीईईओ, झाड़ोल