प्रधानाध्यापिका हो गई एपीओ

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छात्राएं पहुंची अस्पताल

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की चौदह बालिकाएं चर्म रोग से पीडि़त

चित्तौडग़ढ़। जिले की भदेसर तहसील के नाहरगढ़ गांव में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की चौदह बालिकाएं चर्म रोग से पीडि़त हो गई, इनमें से एक बालिका को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस मामले में प्रधानाध्यापिका को एपीओ कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
बालिका शिक्षा को बढावा देने के लिए सरकार जहां करोड़ों रुपए खर्च कर रही है और स्वच्छता का अभियान चला रही है, वहीं नाहरगढ़ गांव स्थित आवासीय विद्यालय में गंदगी के कारण चरपोटिया निवासी रवीना, बानसेन के लक्ष्मीपुरा निवासी कृष्णा, सतखण्डा के महादेवपुरा निवासी नीलू गुर्जर, पीरखेड़ा निवासी केसर, समीवास की सलोना, करेडिय़ा निवासी इन्द्रा, देवाखेड़ा निवासी मोनू कुंवर, भीलवाड़ा निवासी किरण, प्रतापगढ़ निवासी लीला, निकुंभ के मेघवालों का खेड़ा निवासी सिलोना मेघवाल तथा सवा निवासी कोमल पुत्री भंवरसिंह, हटीकपुरा कन्नौज निवासी ममता भील, सीमा भील व प्रतापगढ़ निवासी शीला मीणा चर्मरोग से पीडि़त हो गई। इन बालिकाओं को बुधवार को यहां सावंलियाजी राजकीय सामान्य चिकित्सालय लाया गया, जहां कोमल को उपचार के लिए महिला एवं बाल चिकित्सालय में भर्ती किया गया। शेष बालिकाओं का आउटडोर में इलाज किया गया।

स्कूल में रहती है गंदगी

इधर सूचना मिलने पर भदेसर के उपखण्ड अधिकारी मांगीलाल रेगर, सर्वशिक्षा विभाग के एडीपीसी राजेन्द्र शर्मा अस्पताल पहुंचे और बालिकाओं से जानकारी ली। उपखण्ड अधिकारी को बालिकाओं ने बताया कि उनके विद्यालय में बने शौचालयों में साफ-सफाई नहीं होती और विद्यालय में भी गंदगी रहती है। इसके अलावा चर्म रोग होने के बाद भी समय रहते उनका उपचार नहीं करवाया, इसलिए रोग बढ गया। उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि उन्हें सरपंच ने मामले की जानकारी दी थी, इसके बाद वे बच्ची के उपचार और देखरेख की जानकारी लेने के लिए अस्पताल पहुंचे।

प्रधानाध्यापिका कार्यमुक्त

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा ओमप्रकाश शर्मा ने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पिंकीसिंह को राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद कार्यालय जयपुर के लिए कार्यमुक्त कर दिया है।